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अजमेर

आवंटित राशि खर्च नहीं की तो दूसरी स्मार्ट सिटी को हस्तांतरित हो जाएगा पैसा

स्मार्ट सिटी पर संकट के बादल,अजमेर,कोटा तथा जयपुर का मामलाआवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने चेताया

अजमेरJun 18, 2020 / 07:29 pm

bhupendra singh

Smart city ajmer : प्रसिद्ध खाद्य व्यंजन मिलेंगे एक छत के नीचे

Smart city ajmer : प्रसिद्ध खाद्य व्यंजन मिलेंगे एक छत के नीचे

अजमेर.स्मार्ट सिटी smart city के रूप में चयनित राज्य के अजमेरajmer ,कोटाkota तथा जयपुर jaipur शहर में चल रहे विकास कार्यो में बरती जा रही ढिलाई के कारण इन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। केन्द्रीय आवासन शहरी कार्य मंत्रालय ने चेताया है कि यदि आवंटित transferred की गई राशि allotted amount समय पर खर्च नहीं not spend की गई और उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) नहीं भेजे गए तो इन शहरों के लिए आवंटन से शेष बची राशि money को देश की उन स्मार्ट सिटी another smart city को जारी कर दिया जाएगा जहां बेहतर काम हो रहा है और बिना आर्थिक परेशान के लक्ष्य हासिल किए गए हैं। मंत्रालय के संयुक्त सचिव कुणाल कुमार के अनुसार जून 2015 में स्मार्ट सिटी मिशन लांच किया गया था इसका कार्यकाल पांच वर्ष निर्धारित किया गया था,लेकिन अधिकतर समय बीत जाने के बावजूद मिशन गाइड लाइन के अनुसार लक्ष्य से पीछे चल रहा है। इस मुद्दे पर कई बार चर्चा हो चुकी है, यहंा तक संसदीय कार्य समिति की बैठक में भी यह मुद्दा उठ चुका है। केन्द्र सरकार ने इन शहरो को आवंटित की गई राशि को 30 जून तक खर्च करने और यूसी भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा केन्द्र सरकार ने 2017-18 तक आवंटित की गई राशि का विवरण जुलाई के अंत 2020 तक भेजने को कहा है, ऐसा नही करने पर खर्च से शेष राशि व आवंटित होने वाली रशि रिकवर की जाएगी।
अर्थव्यवस्था पुनर्जीवित हो,रोजगार भी मिले

संयुक्त सचिव ने स्मार्ट सिटी राजस्थान के चेयरमैन भवानी सिंह देथा को पत्र लिख कर स्मार्ट सिटी मिशन में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। जिससे लक्ष्य हासिल किया जा सके तथा लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाते हुए अर्थव्यवस्था को पुर्नजीवित किया जा सके। देश के स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित शहरों के लिए 19750 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2017-18 तक 2500 करोड़ का फंड रिलीज किया गया लेकिन कुछ शहरों में यह 2-4 साल में भी खर्च नहीं किया गया।
राज्य की स्मार्ट सिटी का हाल
स्मार्ट सिटी अजमेर को 196 करोड़ का फंड जारी किया गया लेकिन 65.16 करोड़ की यूसी केन्द्र सरकार को नहीं भेजी गई।
स्मार्ट सिटी कोटा को 196 करोड़ का फंड मिला लेकिन 113.48 करोड की यूसी केन्द्र सरकार को नहीं भेजी गई।
स्मार्ट सिटी जयपुर को 196 करोड़ का फंड जारी किया गया लेकिन 54.77 करोड़ की यूसी केन्द्र सरकार नहीं भेजी गई।

स्मार्ट सिटी अजमेर का हाल
स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित अजमेर में लम्बे समय तक कंसल्टेंट कम्पनी का विवाद रहा। पुरानी कम्पनी हटाने और नई कम्पनी के आने के बाद भी कोई खास प्रगति नहीं हुई। बीते तीन माह लॉक डाउन की भेंट चढ़ गए। स्मार्ट सिटी के चेयरमैन अजमेर में कई बार बैठकें लेकर अधिकारियों को प्रोजेक्टों के टेंडर जल्द जारी करने के निर्देश भी दे चुके हैं लेकिन मामला आगे बढ़ता नजर नहीं आ रहा है। हर बार नई टाइम लाइन निर्धारित कर दी जाती है। कई बार टेंडर जारी करने के बाद निरस्त भी कर दिए जाते हैं। अफसर भी काम के बजाय अधिकत टाइम पास करते ही नजर आते हैं।
अजमेर में 4 प्रोजेक्ट ही पूरे हुए
स्मार्ट सिटी अजमेर में अनुसार 353.92 करोड़ रूपयों के 19 प्रोजेक्ट के टेंडर प्रक्रियाधीन हैं। 187.44 करोड़ रुपए के 26 प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की जा रही है। एलीवेटेड रोड के 250 करोड़ के प्रोजेक्ट सहित 310.26 करोड़ के 15 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। 3 प्रोजेक्ट रुके हुए हैं जबकि 2 शुरु ही नहीं हो सके। करीब 20 करोड़ के 4 प्रोजेक्ट ही पूरे हो सके हैं।
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