निगम के जिन ठेकेदारों के आधार पर सीएलआरसी दरें तय की जा रही है उन्हें केवल मीटर लगाने के काम करने का ही अधिकार है। यह अधिकार खुद निगम के वर्ष 2014 में तत्कालीन अधिक्षण अभियंता (टीब्ल्यू) ने ही तय किया था। अब निगम अपने ही नियमों से परे जाकर अब ऐसे ठेकेदारों को एलटी/ 11/33 केवी लाइनों के रखरखाव के कार्य तथा कृषि कनेक्शनों का कार्य दे रहा है।
जयपुर डिस्कॉम ने मांगा अनुभव अजमेर डिस्कॉम ने सीएलआरसी दर तय करने में जहां ठेकेदार के अनुभव की बाध्यता को खत्म कर दिया है वहीं जयपुर डिस्कॉम ने इसी तरह के ठेके देने में अनुभव की शर्त रखी है। वहां 3 साल व 20 लाख के कार्य का अनुभव आवश्यक। जबकि अजमेर डिस्कॉम ने इस शर्त को दरकिनार कर दिया है।
इनका कहना है
अनुभव बाध्यता नहीं रखी गई है। पिछले वर्ष डिस्कॉम लेवल का टेंडर किया गया था,सफल नहीं होने कारण सर्किल लेवल पर किया गया। जयपुर में भी रेट कम आई है।
अशोक कुमार,अधीक्षण अभियंता (टीडब्ल्यू विगं) अजमेर डिस्कॉम