बैक डोर एंट्री
जबकि अधिशाषी अभियंता अशोक रंगनानी के लिए जब मापदंड पूरे नहीं बैठे तो किसी का भी चयन नहीं हो सका। जबकि ये सभी विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। स्मार्ट सिटी में अधिशाषी अभियंता के पद के लिए तीन अभियंताओं ने आवेदन किए मगर अशोक रंगनानी के मापदंडों को पूरा नहीं करने के कारण उनका चयन नहीं हो सका तो पद को रिक्त छोड़ दिया गया। बाद में अधिकारियों ने डीओ लिखकर अधिशाषी अभियंता की सिफारिश करते हुए स्मार्ट सिटी में पदस्थापन करवा दिया गया।
यह है नियम स्मार्ट सिटी के पद प्रतिनियुक्ति/ रिवर्स डेपुटेशन से ही भरे जाएंगे। इसके लिए कोई नई नियुक्ति नहीं होगी। स्मार्ट सिटी में नियम विरुद्ध बिना पद ही अधिक्षण अभियंता से अतिरिक्त मुख्य अभियंता का काम करवाया जा रहा है। पद को स्मार्ट सिटी की बैठक में अप्रूव्ड करवाने का प्रस्ताव पास करवाया गया है लेकिन अब तक वित्त विभाग ने इसकी मंजूरी नहीं दी है। स्मार्ट सिटी में केवल अधीक्षण अभियंता का पद स्वीकृत है। पूर्व में अनिल जैन अधीक्षण अभियंता कार्यरत थे। बाद में उनकी पदोन्नति हो गई। जैन को स्मार्ट सिटी से इसलिए जाना पड़ा क्योंकि स्मार्ट सिटी में अतिरिक्त मुख्य अभियंता का पद ही स्वीकृत नहीं था।
इनका कहना है
सरकार से बड़ा कोई नहीं है, उन्होने लगाया है। एडिशनल चीफ का पद स्वीकृत करवाने के लिए पत्राचार चल रहा है। एक्सईएन किसी इश्यू पर इंटरव्यू में फेल हुए थे।
अनिल विजयवर्गीय, मुख्य अभियंता, स्मार्ट सिटी