
mdsu teachers vacancy
रक्तिम तिवारी/अजमेर.
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) में शिक्षकों की भर्तियां अब ‘ आसान ’नहीं है। अव्वल तो केंद्र और राज्य स्तर पर आर्थिक रूप से पिछड़े और अति पिछड़ा वर्ग आरक्षण लागू हो चुका है। तिस पर पूर्व में स्वीकृत पदों का नए सिरे से परीक्षण कराने के बाद इन वर्गों से भी आवेदन लेने जरूरी होंगे। ऐसे में भर्तियों में और विलंब होने के आसार हैं।
विश्वविद्यालय में विभागवार 20 शिक्षकों की भर्ती (terachers recruitment) होनी है। इनमें विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला और अन्य संकाय के विषय शामिल हैं। इनके लिए साल 2016 में आवेदन लिए गए थे। विश्वविद्यालय ने जूलॉजी और बॉटनी के प्रोफेसर पद के लिए 16 अप्रेल 2017 को साक्षात्कार कराए। बाद में राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan highcourt) की रोक के चलते अन्य पदों की भर्तियां अटक कई। हालांकि ने हाईकोर्ट ने रोक हटा ली, लेकिन विश्वविद्यालय परेशानी में फंस गया।
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नहीं मिले योग्य आवेदक...
यूजीसी के शिक्षक भर्ती नियमों में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल्स (journal)की सूची के अनुरूप शिक्षकों के रिसर्च पेपर, पीएचडी/नेट, स्नातक (UG) और स्नातकोत्तर (PG) स्तर पर संबंधित विषय में प्राप्तांक जैसी अनिवार्यता लागू की गई है। ऐसे में कई कई आवेदकों के गुणवत्ताविहीन रिसर्च पेपर (research paper), स्नातक-स्नातकोत्तर स्तर पर तृतीय श्रेणी अंक ही मिले। इसके चलते पदों पर साक्षात्कार कराने योग्य आवेदकों का टोटा हो गया।
अब आरक्षण का पेच....
केंद्र स्तर पर आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (10 प्रतिशत)और प्रदेश स्तर पर अति पिछड़ा वर्ग (5 प्रतिशत)आरक्षण लागू हो चुका है। विश्वविद्यालय ने तीन वर्ष पूर्व आवेदन (application) भरवाए थे। ऐसे में उसे भर्तियों को दोनों वर्गों के आरक्षण अनुरूप परीक्षण (re examine) कराना होगा। साथ ही नए सिरे से इन दोनों वर्गों के अभ्यर्थियों से भी आवेदन मांगने होंगे।
इन विभागों में हेागी भर्ती (विवि के अनुसार)
प्रोफेसर-इकोनॉमिक्स, प्योर एन्ड एप्लाइड केमिस्ट्री
रीडर-बॉटनी (2), इकोनॉमिक्स (1), भूगोल (1), इतिहास (2), गणित (१), राजनीति विज्ञान (2), प्योर एन्ड एप्लाइड केमिस्ट्री (1), समाजशास्त्र (१), जूलॉजी (२)लेक्चरर-कम्प्यूटर एप्लीकेशन (1), भूगोल (1), प्योर एन्ड एप्लाइड केमिस्ट्री (1), समाजशास्त्र (1), जूलॉजी (1)
इन विषयों में नहीं कोई शिक्षक
इतिहास, राजनीति विज्ञान, रिमोट सेंसिंग, पत्रकारिता एवं जनसंचार, हिंदी, लॉ
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शक्षकों की भर्तियां कराई जानी हैं। एमबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण सहित अन्य पहलुओं पर विचार करना जरूरी होगा। इसके बाद ही कवायद शुरू हो पाएगी।
प्रो. आर. पी. सिंह, कुलपति महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय
Published on:
04 Oct 2019 09:46 am
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