जबरदस्ती नहीं बंद का असर यूं तो पूरे शहर पर ही रहा। पर खास बात यह रही कि कहीं से भी कोई जोर जबरदस्ती की शिकायत नहीं आई। कुछेक दुकानें खुली लेकिन समर्थकों के समझाइश के बाद व्यापारियों ने दुकानें बंद कर लीं।
पुलिस ने भी सुरक्षा के उपाय कर रखे थे। प्रमुख मार्गों व चौराहों पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहे।पिछले अनुभवों को देखते हुए उच्च अधिकारी नियंत्रण कक्ष व सीसीटीवी से शहर की खैर खबर लेते रहे। पूरे दिन कहीं से कोई उपद्रव व पुलिस बल की कोई खबर नहीं आई।
चार बजे बाद बाजार खुल गए। लोगों ने जरुरी खाने पीेने की चीजें खरीदीं। वहीं स्टेशन व बस स्टैंड के पास भी ढाबे व दुकानें खुल गईं। बंद शांतिपूर्ण सफल रहा।गौरतलब है कि गत दो अप्रेल को हुए बंद के दौरान उपद्रव व हिंसा की घटनाएं हुई। जिसके बाद पुलिस को कई बार बल प्रयोग करना पड़ा। मामले पुलिस तक पहुंचे। जबरन दुकानें बंद कराने को लेकर भी तीखी झड़पें हुईं।
स्कूल प्रबंधन के निर्णय से हुई परेशानी कुछ स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को स्कूल बुलवा लिया बाद में अवकाश का संदेश भेजा जिससे बच्चों को परेशानी हुई अभिभावकों को दौड़ लगानी पड़ी।