बेटे के भविष्य की चिंता लेकर मां-पिता ने जिला कलक्टर आरती डोगरा व पुलिस अधीक्षक राजेशसिंह से मुलाकात की। उन्होंने परिजन को न्याय मिलने का आश्वासन दिया।पीडि़त छात्र के परिजन मंगलवार सुबह पहले शिक्षण संस्थान पहुंचे। यहां उन्होंने संस्थान के प्रिंसीपल से मुलाकात की। प्रिंसीपल ने छात्र को प्रकरण की जांच होने तक सुरक्षा देने में असमर्थता जाहिर करते हुए संस्थान में रखने से इन्कार कर दिया।
संस्थान प्रबंधन की बेरुखी व बेटे के भविष्य का सवाल लेकर परिजन ने कलक्टर व एसपी से मिले। उन्होंने एसपी से प्रकरण में अब तक के अनुसंधान के संबंध में जानकारी चाही लेकिन एसपी ने अनुसंधान की रिपोर्ट गोपनीय होने का हवाला दिया जबकि कलक्टर आरती डोगरा ने प्रकरण में निष्पक्ष जांच का विश्वास दिलाया।
हो रही पढ़ाई प्रभावित पीडि़त छात्र के पिता ने कहा कि आरोपित छात्र स्कूल परिसर में है जबकि उनका बच्चा स्कूल के बाहर प्रताडि़त हो रहा है। उसकी पढ़ाई नहीं हो रही और खेल प्रभावित हो रहा है। बाकी बच्चे पढ़ रहे है और उसको प्रिंसीपल ने सुरक्षा और जांच का हवाला देते हुए लौटा दिया।
आखिर तक लड़ेंगे लड़ाई पीडि़त छात्र के पिता ने बताया कि संस्थान ने कमेटी गठित की है लेकिन अब तक आरोपित छात्रों पर कोई कार्रवाई की गई है न ही हाउस मास्टर व जिम्मेदार शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा सकी है। ऐसे में उन्हें न्याय की उम्मीद कम नजर आती है लेकिन वे बेटे से ज्यादा भविष्य में दूसरे बच्चों के साथ ऐसी घटना ना हो इसके लिए अंत तक लड़ेंगे। उन्होंने सोचा था कि राजस्थान अच्छा प्रदेश है। यहां के वातावरण में बेटे की शिक्षा-दिक्षा के साथ खेल का विकास होगा लेकिन जो वाकया पेश आया है उसका ताउम्र मलाल रहेगा।