गहलोत एक अप्रेल को जवाहर स्कूल में पार्टी के संभाग स्तरीय सम्मेलन में शामिल हुए। इसके बाद 21 अप्रेल को चन्दवरदायी खेल स्टेडियम में संभाग स्तरीय मेगा जॉब फेयर में शामिल हुए। शुक्रवार को उन्होंने महंगाई राहत कैंप के लाभार्थियों को गारंटी कार्ड प्रदान करने के साथ एलिवेटेड रोड की दूसरी भुजा का लोकार्पण किया।
अजमेर जिले की आठ सीटों में से कांग्रेस के पास केवल दो सीटें हैं। मसूदा और केकड़ी। माना जा रहा है कि केकड़ी सीट को कायम रखने में पार्टी को काफी जोर आने वाला है। मसूदा की कुछ तहसीलों के लोग नवगठित होेने वाले ब्यावर जिले में शामिल होने को तैयार नहीं हो रहे। किशनगढ़ के विधायक परोक्ष रूप से कांग्रेस का समर्थन करते रहे हैं। शेष पांच सीटों को हासिल करना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है।
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राजीतिक पंडितों का मानना है कि ऐसे हालात में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के प्रभाव वाले अजमेर जिले की चुनावी जंग जीतने के लिए ही गहलोत के ‘हमदर्द’ रात-दिन एक किए हुए हैं। दूसरी ओर सचिन पायलट की अजमेर के प्रति बेरुखी भी चर्चा का विषय बनी हुई है। लंबे समय से अजमेर शहर में किसी कार्यक्रम में पायलट शामिल नहीं हुए। गुटबाजी के चलते अभी तक जिलाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो पाई है। पार्टी का साधारण कार्यकर्ता असमंजस में है।