scriptमिले बाजार दर से मुआवजा और विकसित जमीन! | Received compensation and developed land at market rate | Patrika News
अजमेर

मिले बाजार दर से मुआवजा और विकसित जमीन!

-पालबीसला वैकल्पिक मार्ग का मामला: खातेदारों से हुई एडीए की वार्ता-खातेदारों ने एडीए की विकसित योजना में मांगे
भूखंड, सडक़ की चौड़ाई भी बराबर रखने पर जोर

अजमेरAug 11, 2020 / 10:31 pm

bhupendra singh

ajmer

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अजमेर. शहर को स्टेशन रोड के समानान्तर वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध करवाने के लिए स्मार्ट सिटी smart city प्रोजेक्ट के तहत मार्टिंडल ब्रिज से तोपदड़ा स्कूल तक 1.5 किमी सडक़ निर्माण के लिए अवाप्त की जाने वाली खातेदारी भूमि तथा भवन मालिकों की अजमेर विकास प्राधिकरण के सचिव किशोर कुमार के साथ मंगलवार को बैठक हुई। इस दौरान खातेदारों ने अपना पक्ष रखने के साथ ज्ञापन भी सौंपा।
खातेदारों का इन पर जोर

एडीए के अधिकारियों से बातचीत के दौरान खातेदारों ने वैकल्पिक मार्ग की दोनों छोर पर चौड़ाई एकसमान 60 अथवा100 फीट रखे जाने को कहा। खातेदारों ने मुआवजाcompensation राशि भी कृषि भूमि की बजाय बाजार दर market rate से देने की मांग की । इसी तरह कई खातेदारों ने भूमि के बदले भूमि दिए जाने की स्थिति में प्राधिकरण की विकसित योजना developed land में भूमि दिए जाने की मांग की। एडीए अधिकारी गुरुवार को शेष खातेदारों से वार्ता करेंगे। इसके बाद समाधान निकाला जाएगा।
वैकल्पिक मार्ग के लिए अवाप्त की जाने वाली भूमि में 23 मकान तथा शेष खातेदारी कृषि भूमि है। तोपदड़ा स्कूल के खेल मैदान का कुछ भाग भी आवाप्त किया जाना है।
सौंपे ज्ञापन

मंगलवार को वार्ता के दौरान कुछ मामलों में मूल खातेदार की मृत्यु होने के बाद उनके कई वारिसान भी पहुंचे। जिन्होंने उन्हें पक्षकार बनाए जाने तथा मुआवजा दिए जाने की मांग की। वार्ता से पूर्व तथा वार्ता के बाद कई खातेदारों ने प्राधिकरण चेयरमैन तथा कमिश्नर को अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपा। नो-कंस्ट्रक्शन जोन की बाधा हटाए जाने की भी मांग की गई।
3.92 हेक्टेयर भूमि चिह्नित
नई सडक़ निर्माण के लिए कुल 3.92 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। इसमें से खातेदारों की 3.92 हेक्टेयर भूमि है, जबकि ०.34 हेक्टेयर भूमि पर मकान बने हुए हैं। कुल अवाप्त योग्य भूमि 3.46 हेक्टेयर है, ०.807 हेक्टेयर भूमि सरकारी है। सडक़ के लिए 3.928 हेक्टेयर भूमि खातेदारी व 3389 वर्गमीटर आवासीय भूमि स्मार्ट सिटी के तहत अवाप्त किया जाना है। 23 आवासों का निर्माण निजी भूमि पर है। खातेदारी भूमि एवं भूमि पर बनें मकानों का मुआवजा वर्तमान डीएलसी दर से 10 करोड़ रुपए आंका गया है।

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