वर्ष 1949 में राजस्थान लोक सेवा आयोग सेवा का गठन हुआ था। इसका कार्य निर्धारण राजस्थान लोक सेवा आयोग नियम एवं शर्तें 1963, राजस्थान लोक सेवा आयोग ( शर्तें एवं प्रक्रिया का मान्यकरण अध्यादेश -1975, नियम-1976) के तहत किया गया। आयोग आरएएस सहित कॉलेज व्याख्याता, स्कूल प्राध्यापक, प्रधानाध्यापक, कृषि, चिकित्सा शिक्षा और अन्य विभागों की भर्ती परीक्षाएं कराता है।
नहीं है कोई परीक्षा-साक्षात्कार
20 से 27 सितंबर तक प्रस्तावित सहायक वन संरक्षक एवं फॉरेस्ट रेंज अधिकारी ग्रेड प्रथम (वन विभाग) संवीक्षा परीक्षा स्थगित हो चुकी है। आयोग वरिष्ठ प्रदर्शक (चिकित्सा शिक्षा) करा चुका है। फिलहाल आयोग के पास कोई परीक्षा-साक्षात्कार नहीं है। साफतौर पर सरकार नए अध्यक्ष और चार सदस्यों की नियुक्ति में ही प्रक्रिया अंजाम देगी। मौजूदा तीनों सदस्य भाजपा राज में नियुक्त हुए थे। जबकि अध्यक्ष दीपक उप्रेती का कार्यकाल 14 अक्टूबर को खत्म हो रहा है।
मिल सकती है आयोग को महिला अध्यक्ष?
अधिकृत सूत्रों के अनुसार आयोग के इतिहास में पहली बार किसी महिला को अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसको लेकर सीएमओ में कवायद जारी है। कांग्रेस पृष्ठ भूमिका के राजनेता, ब्यूरोक्रेट और शिक्षाविद् सक्रिय हो चुके हैं। अगर आयोग अध्यक्ष पद के लिए कोई महिला नहीं मिली तो किसी अन्य की तैनाती की जाएगी। हालांकि सदस्यों में सोशल इंजीनियरिंग फार्मूला चलेगा। इसके तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को अवसर मिल सकता है।
जोधपुर और जयपुर के बीच फंसा कुलपति पद अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय का कुलपति पद पर जोधपुर और जयपुर के बीच फंस गया है। लगातार नवें दिन राजभवन और सरकार एकराय होते नहीं दिखे। राजभवन जयपुर क्षेत्र के किसी विवि के कुलपति को कार्यभार सौंपने का पक्षधर है। वहीं सरकार ने जोधपुर के जयनारायण विवि के कुलपति का नाम भेजा है।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने सरकार से परामर्श के बाद 10 सितंबर को आर. पी. सिंह को निलंबित किया था। सरकार ने जयनाराण व्यास यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. पी. सी.त्रिवेदी को कार्यभार सौंपने के लिए पत्रावली भेजी थी। लेकिन राजभवन ने कोई फैसला लिया है।