गांधी नगर थाना प्रभारी भागसिंह के अनुसार बांसड़ा मेहरान निवासी किशोरी ने रिपोर्ट में बताया कि सोमवार को सुबह 11 बजे वह कहीं जा रही थी। इस दौरान पुरानी स्कूल का बस ड्राइवर रसूल लाल रंग की कार में आया और उसे जबरन कार में बैठाकर उसे बबाइचा की ओर ले गया।
इस दौरान रास्ते में वह अश्लील हरकत करने लगा। किशोरी की ओर से इसका विरोध करने पर रसूल ने उसके साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी। किशोरी ने बताया कि रसूल उसे वापस छोडऩे आया तो कार का टायर फट गया और वह कार को वहीं पर छोड़कर भाग गया। पुलिस ने आरोपित रसूल के खिलाफ किशोरी के साथ अश्लील हरकत करने, मारपीट कर जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
बढ़ रहे हैं ऐसे मामले
पूरे देश में मासूमों के साथ अश्लील हरकतों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। पॉक्सो एक्ट लागू होने के बाद यौन शोषण, बलात्कार के मामले रुके नहीं है। हालांकि राजस्थान सहित, हरियाणा और मध्यप्रदेश ने 12 साल से कम उम्र की बालिकाओं के साथ बलात्कार पर फांसी की सजा का कानून पारित किया है। यह कितना कारगर होगा फिलहाल कहना जल्दबाजी होगा।
पूरे देश में मासूमों के साथ अश्लील हरकतों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। पॉक्सो एक्ट लागू होने के बाद यौन शोषण, बलात्कार के मामले रुके नहीं है। हालांकि राजस्थान सहित, हरियाणा और मध्यप्रदेश ने 12 साल से कम उम्र की बालिकाओं के साथ बलात्कार पर फांसी की सजा का कानून पारित किया है। यह कितना कारगर होगा फिलहाल कहना जल्दबाजी होगा।
नहीं होती त्वरित सुनवाई
नाबालिग के साथ यौन शोषण और बलात्कार के मामलों में त्वरित सुनवाई नहीं होती। पुलिस और अदालतों के चक्कर काटने में ही पीडि़त का समय बीत जाता है। पॉक्सो एक्ट लागू होने से पहले तो संदेह का लाभ प्राप्त कर आरोपित छूट जाते थे। यह एक्ट लागू होने के बाद पुलिस को तत्काल आरोपित को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करना पड़ता है।
नाबालिग के साथ यौन शोषण और बलात्कार के मामलों में त्वरित सुनवाई नहीं होती। पुलिस और अदालतों के चक्कर काटने में ही पीडि़त का समय बीत जाता है। पॉक्सो एक्ट लागू होने से पहले तो संदेह का लाभ प्राप्त कर आरोपित छूट जाते थे। यह एक्ट लागू होने के बाद पुलिस को तत्काल आरोपित को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करना पड़ता है।
पॉर्न साइट्स जिम्मेदार
कई मामलों में पॉर्न साइट्स भी यौन उत्पीडऩ बढ़ाने में सहायक हैं। मोबाइल और कम्प्यूटर पर पॉर्न साइट देखने की कई लोगों को लत पड़ी है। हालांकि केंद्र सरकार ने दो साल पहले पॉर्न साइट्स को बैन करने की योजना बनाई थी, लेकिन कानूनी अड़चनों के चलते उसे कदम वापस खींचने पड़े।
कई मामलों में पॉर्न साइट्स भी यौन उत्पीडऩ बढ़ाने में सहायक हैं। मोबाइल और कम्प्यूटर पर पॉर्न साइट देखने की कई लोगों को लत पड़ी है। हालांकि केंद्र सरकार ने दो साल पहले पॉर्न साइट्स को बैन करने की योजना बनाई थी, लेकिन कानूनी अड़चनों के चलते उसे कदम वापस खींचने पड़े।