जयपुर में टेंडर यहां विस्तार स्मार्ट सिटी ने पीएमसी को 12.50 करोड़ रुपए में दे रखा था यह ठेका जनवरी 2021 को ही खत्म हो गया है फिर भी अभियंताओं ने 1 साल का एक्सटेंशन दे दिया। जबकि जयपुर स्मार्ट सिटी ने पीएमसी के लिए जनवरी में नया टेंडर किया था। घटिया निर्माण सामग्री व बदहाल प्रोजेक्ट देखे जा सकते हैं। सूचना केन्द्र ओपन एयर थिएटर इसका उदाहरण है। डिजिटल एमबी, अब जिल्द की एमबी
स्मार्ट सिटी के अभियंता पहले ही डिजिटल माप पुस्तिकाएं (एमबी) एवं निविदा से पहले ही शर्ते तैयार कर पहले ही चर्चा में रह चुके। जहां घटिया मेटेरियल इस्तेमाल पर लिए जा रहे हैं इन पर विभाग के अभियंता चुप्पी साधे हैं। अभियंता पहले ही लीपापोती कर सड़के बनाई गई और घटिया डस्ट लगाकर काम करवा दिए गए अब इन सब की जिम्मेदारी एडीए के भरोसे है इसके आदेश बुधवार को जारी कर दिए गए। प्रोजेक्टों पर पहले डिजीटल माप पुस्तिका चल रही थी उन्हें पर अब जिल्द वाली माप पुस्तिका होगी। यह हैरत वाली बात है।
कारनामों को ढकने मे लगे अभियन्ता स्मार्ट सिटी के अभियंता आधे अधूरे कामों को इस स्थिति में एडीए को सौंपा जाना अपने कारनामों को ढकने के प्रयास है। अभियंता पहले ही लीपापोती कर सड़के बनाई गई और घटिया डस्ट लगाकर काम करवा दिए गए अब इन सब की जिम्मेदारी एडीए के भरोसे होगी इसके आदेश बुधवार को जारी कर दिए गए।नियम कायदे ताक पर अभियंता पहले ही खुद की नियुक्तियों को नियम ताक पर रखे हुए। कुछ अभियंता कोटा में रह कर ही मॉनिटरिंग कर रहे थे फिर भी अजमेर से आर्डर निकाल जा रहे थे।
इनका कहना है रोड, पाथ-वे सहित अन्य काम हैं इन्हें एडीए को दिया गया है। मीटिंग में तय हुआ है। किन नियमों के तहत यह कार्य दिए जा रहे है इसकी जानकारी नहीं है।