scriptमुस्कुराइए, खिलखिला रही हैं बेटियां,जिले में 10 वर्षो में बढ़ा बालिका लिंगानुपात,लोगों में आई जागरूकता | Smile, daughters are blooming, girl ***** ratio increased in the distric | Patrika News
अजमेर

मुस्कुराइए, खिलखिला रही हैं बेटियां,जिले में 10 वर्षो में बढ़ा बालिका लिंगानुपात,लोगों में आई जागरूकता

2011 में 899 से बढ़कर 2021 में 953 पहुंचा बालिकालिंगानुपात
जिले में 10 साल में हुआ 5 लाख 9 हजार 36 बच्चों का जन्म हुआ

अजमेरJun 17, 2021 / 11:14 pm

bhupendra singh

Girl student

girl

भूपेन्द्र सिंह

अजमेर. समाज में आई जागरूकता awareness के चलते अब बेटे व बेटियों में अंतर करने वाली रूढ़वादी सोच भी कम होने लगी है। बेटियां daughter बेटों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। कानून की सख्ती व जागरूकता कार्यक्रमों का भी असर भी लोगों पर अब नजर आ रहा है। इसी का नतीजा है कि अब जिले मे बालिका लिंगानुपात girl ***** ratioमें बढ़ोतरी increased दर्ज की जा रही है। 10 साल पहले जहां जिले में बालिका लिंगानुपात 899 था वहीं अब यह बढ़कर मार्च 2021 में 953 पहुंच गया है। जिले में कुल लिंगानुपात 950 माना गया है। इसका अर्थ है कि 1000 हजार पुरूषों पर महिलाओं की सख्या 950 है। पिछले वर्षो का बालिका लिंगानुपात 937 रहा। इमें लड़के 3 लाख 4 हजार 648, लड़की 2 लाख 85 हजार 388 जन्म हुआ। कुल 5 लाख 9 हजार 36 लड़के लड़कियों का जन्म हुआ।
बेटियां गाड़ रहीं हैं सफलता के झंडे

वर्तमान परिप्रेक्ष में बेटियां किसी भी मामलों में बेटों से कम नहीं है। देश व राज्य चलाने में बेटियों की प्रभावी भूमिका नजर आ रही है। सीबीएसई, माशिबो के परीक्षा परिणाम हों या यूपीएससी ,आरपीएससी की विभिन्न क्षेत्रों की भर्तियां हो सभी में बेटियां सफलता के झंडे गाड़ रही है। सेना में सरहद पर ताकत दिखानी हो अभवा जल, आकाश और अंतरिक्ष सभी क्षेत्रों में बेटियां बेटों से कम नहीं हैं। यहां कि अब सामाजिक बंधनों को तोड़कर अर्थी को कंधा देना, मुखाग्नि देने का काम भी बेटियां कर रही है।
यू होती बालिका लिंगानुपात में गई बढ़ोतरी

अप्रेल 2011 से मार्च 2012 तक बालिका लिंगानुपात 899 रहा। अप्रेल 2012 से मार्च 2013 तक बालिका लिंगानुपात 917 रहा। अप्रेल 2013 से मार्च 2014 तक बालिका लिंगानुपात 922 रहा।अप्रेल 2014 से मार्च 2015 तक बालिका लिंगानुपात 935 रहा।अप्रेल 2015 से मार्च 2016 तक बालिका लिंगानुपात 932 रहा।अप्रेल 2016 से मार्च 2017 तक बालिका लिंगानुपात 947 रहा।अप्रेल 2017 से मार्च 2018 तक बालिका लिंगानुपात 960 रहा।अप्रेल 2018 से मार्च 2019 तक बालिका लिंगानुपात 947 रहा।अप्रेल 2019 से मार्च 2020 तक बालिका लिंगानुपात 959 रहा।अप्रेल 2020 से मार्च 2021 तक बालिका लिंगानुपात 953 रहा।
वर्ष 2011 में बालिका लिंगानुपात स्थित

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान का बालिका लिंगानुपात 888 था जबकि अजमेर में यह 901 दर्ज किया गया था। अजमेर शहर में 882, पीसांगन में 882, ब्यावर में 887, सरवाड़ में 888, किशनगढ़ में 892, नसीराबाद में 902, केकड़ी में 902, मसूदा में 905 तथा भिनाय में 930 बालिका लिंगानुपात दर्ज किया गया था।
बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओं पर 19.62 लाख खर्च

जिला प्रशासन ने जिले में वर्ष 2020-2021 में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना पद 19 लाख 62 हजार 501 रूपए खर्च किए गए। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनान्तर्गत टास्क फोर्स गठित की गई। हालांकि कोरोना के कारण इसकी बैठकें नहीं ही सकी। जिंग्लस कार्यक्रम आकाशवाणी के जरिए प्रसारित होता है। पिछले साल इस पर 1 लाख 58 हजार 876 रूपए खर्च किए गए।
20 हजार अभिभावकों को दिए बधाई संदेश

जिला प्रशासन ने बालिका के जन्म पर 20 हजार अभिभावकों को बधाई संदेश दिए। 8 लाख रुपए खर्च कर 1000 मातृ-शिशु किट का वितरण किया गया। उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम एवं परीक्षा परिणाम रहने पर शालाओं को 5 लाख रूपए प्रोत्साहन राशि का वितरण किया गया।
इनका कहना है
बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं है। जिले के लोगों में जागरूकता आई है, इसके चलते बालिका लिंगानुपात बढ़ा है। इसमें और सुधार किया जाएगा। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को और प्रभावी बनाया जाएगा।
प्रकाश राजपुरोहित, जिला कलक्टर, अजमेर

read more: बिजली की खरीद रेट में 30 पैसे प्रति यूनिट की कमी,184 करोड़ का फायदा

Home / Ajmer / मुस्कुराइए, खिलखिला रही हैं बेटियां,जिले में 10 वर्षो में बढ़ा बालिका लिंगानुपात,लोगों में आई जागरूकता

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो