सरकार की योजना तीन साल में 2600 मेगावाट बिजली सोलर प्लांट के जरिए उत्पादन की है। चालू वित्तीय वर्ष के लिए तीन विद्युत वितरण कम्पनियों के लिए 600 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। सरकार की योजना अतिरिक्त बिजली उत्पादन कर किसानों को सिंचाई के लिए दिन में ही बिजली उपलब्ध करवाने की है। सरकार का मानना है कि किसानो को बिना खर्च किए 25 साल में 2500 करोड़ रुपए किराए के रूप में मिलेंगे जबकि बिजली कम्पनियों को 4650 करोड़ रुपए की बचत 25 सालों में होगी।
रा’य व केन्द्र सरकार की भागीदारी
जीएसएस पर सोलर पावर प्लांट की स्थाना केन्द्र सरकार की किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (कुसुम) के तहत की जा रही है। इस योजना को तीन कम्पोनेंट में बाटा गया है। कम्पोनेंट ए में में निगम के जीएसएस पर सोलर प्लांट लगा कर बिजली का उत्पादन किया जाएगा। कम्पोनेंट- बी में किसान अपने कृषि कनेक्शन के लिए निगम से सोलर 7.5 एचपी का सोलर पम्प ले सकता है। इसमें तीस प्रतिशत ग्रांट केन्द्र की जबकि तीस प्रतिशत ग्रांट स्टेट की होगी। किसान को 40 प्रतिशत राशि सॉफ्ट लोन के रूप में मिलेगी। जबकि कम्पोनेंट- सी में किसान की रिक्त/ बंजर भूमि पर सोलर पावर प्लांट लगाया जा सकेगा।
इन जीएसएस का हुआ चयन
2 मेगावाट के ग्रिड कनेक्ट सोलर पावर प्लांट के लिए नागौर के जिले के गोटन के गगराना व बासनी सेजा जीएसएस, मेड़ता रोड, हरसोर तथा डेगाना जीएसएस पर 2-2 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे। जबकि 1-1 मेगावाट सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए गजु,लम्पोलाई, मुगदरा, मेड़ता, लांबाजाटन, मिंडा, नावा सिटी, जीलिया, रोल, थांवला, मोदी कलां, रियाबड़ी, जोध्यासी, पंचला सिधा,दालोट, बाम्बोरी, राठाजाना, बागवास, प्रतापगढ़, चिताम्बा, ढिकोला, कोसीथाल, लडुवास, कोठिया, बे, पोटला तथा लामियान जीएसएस पर सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा।