पुलिस के अनुसार उत्तरप्रदेश मुजफ्फरनगर बोराकलां हड़ोली निवासी नरेश पाल कश्यप ने रिपोर्ट में बताया कि उसका पुत्र हितेश अजमेर में आदर्शनगर स्थित नारायण कंस्ट्रक्शन कम्पनी में ऑपरेटर था। उसे कम्पनी की ओर से 2-3 माह से पगार नहीं दी गई थी। जिसके चलते वह कुछ दिन से परेशान था। उसका 14 अक्टूबर की शाम कम्पनी के मालिक व मुनीम से भी झगड़ा हो गया। इसके बाद उनकी भी उससे बात हुई लेकिन दूसरे दिन 15 अक्टूबर को उन्हें हितेश के फांसी लगाने की सूचना दी गई। पुलिस ने नरेशपाल की रिपोर्ट पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्जकर लिया। पुलिस शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर परिजन के सुपुर्द कर दिया।
20 की जगह 10 हजार पगार!
परिजन ने बताया कि हितेश से मोबाइल पर हुई तमाम बातचीत की मोबाइल में रिकॉर्डिंग है। उससे हुई बातचीत में सामने आया कि उसे कुछ महीने से पगार नहीं दी गई थी। उसे बीस हजार रुपए मासिक पगार के बदले कम्पनी के मालिक सिर्फ दस हजार रुपए से हिसाब करने का दबाव बना रहा था। काम करने के बावजूद कम पगार मिलने से हितेश भी परेशान था। उसने नौकरी छोडऩा का मन बना लिया था।
यह है मामला पालरा चौराहा के निकट 15 अक्टूबर सुबह कंस्ट्रक्शन कम्पनी के कर्मचारी हितेश कुमार कश्यप (26) फंदे पर लटका मिला। पुलिस ने शव को उतरवाकर मोर्चरी में रखवाया दिया। पड़ताल में सामने आया कि हितेश पालरा स्थित कंस्ट्रक्शन कम्पनी में मशीन का काम करता था।