
fake currency print in ajmer openly
कम्प्यूटर स्केनर से नकली नोट छापकर बाजार में खापने वाले गिरोह को रविवार को क्लॉक टावर थाना पुलिस ने पर्दाफाश किया। गिरोह डेढ़ साल से 100 और 50 रुपए के नकली नोट छापकर बाजार में खपा रहा था।
पुलिस ने गिरोह के सरगना सहित तीन जनों को दबोचा है। पुलिस ने उनसे स्केनर प्रिंटर, असली नोट से बनी डाई, ग्लोटिंग पेपर व दो बाइक बरामद की है। गिरोह नोटबंदी के बाद दो हजार रुपए का नोट छापने की फिराक में था। कोतवाली थाना पुलिस ने मामला दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया।
थानाप्रभारी रमेन्द्रसिंह हाड़ा ने बताया कि केसरगंज चौकीप्रभारी राजाराम को केसरगंज ईदगाह सब्जी मंडी में नकली नोट को खपाने वाला गिरोह सक्रिय होने की सूचना मिली। रविवार को मुखबिर की सूचना पर एएसआई राजाराम, सिपाही भवानीसिंह, मुकेशकुमार ने दबिश देकर किशनगढ़ चमड़ाघर मालियों की ढाणी निवासी रविकुमार प्रजापति(28), लुहार कॉलोनी निवासी प्रहलाद प्रजापत व तितयारी हाल रूपनगढ़ रोड लुहार कॉलोनी के पीछे रहने वाले हरिराम जाखड़ को गिरफ्तार किया।
हरिराम गिरोह का सरगना है। पुलिस ने तीनों से 100 व 50 रुपए के 2650 रुपए के नकली नोट के अलावा प्रिंटर स्केनर, नकली नोट छापने में इस्तेमाल ग्लोरिंग पेपर, कटर, दो राष्ट्रीयकृत बैंकों की पासबुक व अन्य उपकरण बरामद किए।
दोनों पासबुक बैंक की ओर से बंद की जा चुकी है। गिरोह दो हजार रुपए का नया नोट छापने की तैयारी में था। कोतवाली थाना पुलिस ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मामले में अनुसंधान नोडल अधिकारी अशोक मीणा करेंगे।
यूं चलाते थे नकली नोट
गिरोह 100 व 50 रुपए के नकली नोट ज्यादा छापते थे। इसका चलन वह भीड़भाड़ वाले बाजार, सब्जी मंडी में कम से कम कीमत की वस्तु खरीदने में करते। ताकि 100 रुपए देने पर शेष रकम उनको असली मिल जाती थी।
गिरोह डेढ़ साल से अपनी जरूरत के मुताबिक किशनगढ़ निवासी हरिराम के घर कम्प्यूटर प्रिंटर से नोट छापे व उन्हें अजमेर, किशनगढ़ के बाजार, सब्जी मंडी में चलाकर लौट जाते थे। प्रारंभिक पड़ताल में गिरोह अब तक जिले में डेढ़ से दो लाख रुपए नकली नोट खपा चुका है।
Published on:
26 Dec 2016 07:35 am
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