वनाधिकारियों ने बताया कि रोप-वे लगाने से पूर्व जिला कलक्टर की निगरानी में गठित कमेटी के माध्यम से सर्वे कराने की मांग की है। विभाग का कहना है कि सर्वे के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि रोप-वे की कुल लम्बाई कितनी होगी और इसके लिए कितना तार व पिलर लगाने होंगे। साथ ही कितने वन क्षेत्र में यह कार्य होगा।
सर्वे के बाद वाइल्ड लाइफ बोर्ड को भेजा जाएगा प्रपोजल
सर्वे के बाद वाइल्ड लाइफ बोर्ड को भेजा जाएगा प्रपोजल
सर्वे के बाद ही वन विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार करके वाइल्ड लाइफ बोर्ड को भेजा जाएगा। वाइल्ड लाइफ बोर्ड की ओर से अनुमति मिलने के बाद ही वन विभाग की ओर से रणथम्भौर में रोप वे विकसित करने की अनुमति दी जाएगी।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा…
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा…
राजस्थान पत्रिका ने 3 जनवरी के अंक में ‘रणथम्भौर में जोर पकडऩे लगी रोप वे की मांगÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर लगने वाले जाम की समस्या को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद हरकत में आए वन विभाग ने अब यह कवायद शुरू की है।
गत दिनों एक निजी कंपनी ने रणथम्भौर में पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए रोप वे विकसित करने की इच्छा जताई थी। इस संबंध में हमने जिला कलक्टर से एक कमेटली गठित कर पहले सर्वे कराने की मांग की है। सर्वे के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
-महेन्द्र शर्मा, उपवन संरक्षक, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।
यह होंगे लाभ
– बार-बार लगने वाले जाम से निजात मिलेगी।
– बुजुर्ग श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी।
– पर्यटन में इजाफा होगा।
– रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
यह होगा सर्वे में…
कितना किमी लम्बा होगा रोप वे।
कितना वन क्षेत्र आएगा रोप वे की जद में
कितने फिलर लगाने होंगे।
कितने पेड़ों को काटना होगा।
रोप-वे की ऊंचाई कितनी होगी।
-महेन्द्र शर्मा, उपवन संरक्षक, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।
यह होंगे लाभ
– बार-बार लगने वाले जाम से निजात मिलेगी।
– बुजुर्ग श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी।
– पर्यटन में इजाफा होगा।
– रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
यह होगा सर्वे में…
कितना किमी लम्बा होगा रोप वे।
कितना वन क्षेत्र आएगा रोप वे की जद में
कितने फिलर लगाने होंगे।
कितने पेड़ों को काटना होगा।
रोप-वे की ऊंचाई कितनी होगी।