scriptURS 2020 : ….संगीनों के साए में शांति और सद्भाव का संदेश लाया पाक जत्था | URS 2020 : Pakistani jathha brought message of peace and harmony | Patrika News
अजमेर

URS 2020 : ….संगीनों के साए में शांति और सद्भाव का संदेश लाया पाक जत्था

URS 2020 : देर रात ट्रेन से अजमेर पहुंचा पाकिस्तानी जत्था

अजमेरFeb 29, 2020 / 12:05 pm

युगलेश कुमार शर्मा

URS 2020 : ....संगीनों के साए में शांति और सद्भाव का संदेश लाया पाक जत्था

URS 2020 : ….संगीनों के साए में शांति और सद्भाव का संदेश लाया पाक जत्था

अजमेर. ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 808 वें उर्स में शिरकत करने शनिवार तडक़े 212 पाकिस्तानी जायरीन का जत्था अजमेर पहुंचा। स्टेशन पर उतरते ही पाक जायरीन ने गरीब नवाज की सरजमीं को चूमा। पाक जायरीन जत्था कड़े सुरक्षा पहरे में रेलवे स्टेशन से सेन्ट्रल गल्र्स स्कूल पहुंचा। तमाम सुरक्षा एजेंसी ने बड़ी संख्या में हथियारबंद जवान तैनात कर रखे थे।
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रात सवा 2 बजे दिल्ली-उदयपुर चेतक एक्सप्रेस अजमेर रेलवे स्टेशन पहुंची। यहां बड़ी संख्या में राजस्थान, राजकीय रेलवे पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल के जवान के अलावा खुफिया एजेंसी के जवान तैनात किए गए। कलक्टर विश्वमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप, एडीएम सुरेश सिंधी, वरिष्ठ आरएएस अधिकारी भगवतसिंह राठौड़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनिल कुमार तेवतिया व भोलाराम यादव समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। पाक जत्थे को जीआरपी थाने के सामने उतरने की व्यवस्था की व्यवस्था की गई। जहां आमजन की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी गई। उन्हें पुलिस और सीआईडी के अधिकारी कड़ी सुरक्षा में स्टेशन से बाहर लाए। जहां राजस्थान रोडवेज की 11 बसों से सेन्ट्रल गल्स स्कूल पहुंचाया गया। जत्थे के उतरने और स्कूल तक पहुंचने पर सीआईडी जोन के अधिकारियों ने गिनती कर जत्थे के सदस्यों का मिलान किया।
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स्टेशन पर ट्रेन से उतरते ही कई पाक जायरीन सिर झुकाकर इबादत करते दिखे। वहीं कई जायरीन स्टेशन पर जमीन और दरवाजे को चूमते नजर आए। उन्होंने दोनों हाथ उठा भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में सौहार्द व शांति की दुआ की। पाक जत्था अपने साथ सलमा-सितारों की चादर साथ लेकर आए।
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दो साल बात आया जत्था
पाक जत्था साल 2017 में गरीब नवाज के उर्स में अजमेर आया था। इसके बाद उरी और बालाकोट हमले के कारण पाक जत्थे का उर्स में आने की इजाजत नहीं मिली। हाल में दोनों देशों के बीच करतारपुर साहिब गलियारा बनने पर तनाव कम हुआ है। इसके बाद दोनों देशों में फिर से परस्पर जत्थों की आवाजाही शुरू हुई है।
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