मुख्यमंत्री राजे का 26 मिनट का भाषण काफी भावुकता भरा रहा। उन्होंने कहा कि राजपुरोहित समाज तिलक करेगा तो भाजपा फिर से सत्ता पर काबिज होगी। उन्होंने कहा कि वह राजनीति करने नहीं सेवा के लिए आए हैं। राजनीति में दिमाग का कार्य होता है लेकिन यहां उन्होंने राजनीति छोड़ दिल से जुड़ाव किया है। उन्होंंने समाज की महिलाओं का भी आभार जताया जो उनके संत के कहने पर घंटों से उनका इंतजार कर रही थीं।
मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि प्रदेश के 125 प्राचीन मंदिरों व धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार इस वर्ष के अंत तक पूरा हो जाएगा। इस पर 600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने राजपुरोहित समाज के आराध्य देव के मंदिर का भी जीर्णोद्धार करने तथा जयपुर में मंदिर के लिए जमीन उपलब्ध कराने की बात की। उन्होंने मंच पर बैठे राजस्थान धरोहर संरक्षण व प्रोन्नति प्राधिकरण केअध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत से राजपुरोहित समाज के आराध्य देव व गोगामेड़ी मंदिरों के जीर्णोंद्धार के कार्य को जल्द पूरा करने को कहा।
राजे ने कहा कि संतों के शब्दोंं से ही वातावरण में बदलाव आता है। स्वाथ्य खराब होने से समाज के संत तुलछाराम के दर्शन नहीं कर पाने पर वह दुखी हुई लेकिन उन्होंने छात्रावास में लगी संत तुलछाराम की प्रतिमा के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि आस्था व विश्वास से प्रत्येक कार्य संभव है। संतों में आस्था इसी बात का परिचायक है।
उन्होंने कहा कि कक्षा एक से कक्षा बारह तक आदर्श, उत्कृ ष्ट, मॉडल, विवेकानंद स्कूल खोले गए तथा 5500 स्कूलोंं को क्रमोन्नत किया गया। उन्होंने समाज में प्रत्येक बालिका को शिक्षित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़कों का सर्वाधिक विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन काल में 2400 करोड़ रुपए विकास कार्य में खर्च हुए जबकि भाजपा शासन के चार साल के कार्यकाल में 7600 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं इसलिए अब तुलना की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती।
इस मौके पर मोती डूंगरी मंदिर के महंत कैलाश शर्मा ने मुख्यमंत्री का राजपुरोहित समाज व अन्य धार्मिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने पर आभार जताया। इससे पूर्व राजपुरोहित समाज के अध्यक्ष अमर सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों ने राजे का साफा पहना कर व तलवार भेंटकर स्वागत किया। उन्हें लाल चुनरी ओढ़ाई। इस मौके पर शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी, महिला बाल विकास मंत्री अनिता भदेल, संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत, शत्रुघ्न गौतम, एडीए अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा, महापौर धर्मेन्द्र गहलोत, जिला प्रमुख वंदना नोगिया आदि का भी समाज की ओर से स्वागत किया गया।