यह भी पढ़ें- हाथरस कांड: आरोपी के घर सीबीआई का छापा, ‘खून’ से सने कपड़े साथ ले गए अधिकारी दरअसल, ल्हासरी निवासी राजकुमार और ओमवीर पुत्र बिजेन्द्र सिंह अपने चाचा के यहां रहते थे। चाचा ने बिना काम के रह रहे दोनों भतीजों को अपनी बेटी गुड्डी के यहां 11 अक्टूबर को बिजौली भेज दिया। इसके बाद पाली चौराहे से दोनों ने बिजौली के लिए ई-रिक्शा पर सवार हो गए। इसी बीच किराए को लेकर दोनों के बीच रिक्शे में ही मारपीट हो गई। इस पर रिक्शे वाले ने दोनों को रास्ते में उतार दिया। इसके बाद दोनों पैदल ही बहन के घर चल दिए। रास्ते में दोनों के बीच फिर मारपीट हुई। जंगल में ओमवीर ने बड़े भाई राजकुमार का गला दबा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई और वह अकेला ही चचेरी बहन के यहां पहुंच गया।
थाना पाली मुकीमपुर एसओ हरिभान सिंह के मुताबिक, गुड्डी के पास पिता जुगेन्द्र का फोन आया था कि ओमवीर और राजकुमार पहुंचे या नहीं। गुड्डी ने बताया कि बस ओमवीर आया है। गुड्डी को राजकुमार की चिंता हुई तो तलाश की गई तो पुलिस ने जंगल से शव बरामद किया। पुलिस पोस्टमार्टम की रिपोर्ट का इंतजार कर रही थी। रिपोर्ट आने के बाद ओमवीर ने भाई की हत्या करने की बात कबूल कर ली।