सुरेश चंद्र ने मीडिया को बताया, “अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद 8 महीने तक सब ठीक था। इस महीने फिर दर्द शुरू हो गया। डॉक्टर से संपर्क किया। उन्होंने दोबारा अल्ट्रासाउंड कराया। जिसमें पता चला कि बायीं किडनी नहीं है। इसके बाद अस्पताल पहुंचा, तो प्रबंधन ने सही से जवाब नहीं दिया। इसके बाद सीडीओ से शिकायत की। सीडीओ ने जांच के लिए सीएमओ को निर्देश दिए।”
सुरेंश चंद्र ने बताया, “पथरी के ऑपरेशन के लिए हमने डॉक्टर को 28 हजार रुपये दिया था। अस्पताल से डिस्चार्ज करते समय डॉक्टरों ने हमें बताया था कि पथरी निकाल दी है। अस्पताल में भर्ती था, तो डॉक्टरों ने हमारे घर वालों को मुझसे मिलने भी नहीं दिया। जब घाव भर गया तो चुपचाप हमें डिस्चार्ज कर दिया। ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर को मैं पहचानता हूं।”