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अलीगढ़

बोले मुस्लिम, मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड मे राजनीतिक लोगों का क्या काम?

फोरम फॉर मुस्लिम स्टैडीज एण्ड एनालिसिस अलीगढ़ ने मुस्लिम पर्सनल लॉ
बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसन नदवी को पत्र के माध्यम से माँग की है
कि बोर्ड के उन सदस्यों को तत्काल हटाया जाए जो किसी राजनीतिक दल से जुड़े
है ।

अलीगढ़Dec 26, 2016 / 12:59 pm

Vikas Kumar

Triple Divorce Issue

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अलीगढ़. फोरम फॉर मुस्लिम स्टैडीज एण्ड एनालिसिस अलीगढ़ ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसन नदवी को पत्र के माध्यम से माँग की है कि बोर्ड के उन सदस्यों को तत्काल हटाया जाए जो किसी राजनीतिक दल से जुड़े है तथा एक समय मे तीन तलाक की प्रथा को समाप्त किया जाए। मुस्लिम फोरम के निदेशक डॉ० जसीम मोहम्मद ने बताया कि अभी हाल मे इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने कहा है कि एक ही समय मे तीन तलाक के द्वारा मुस्लिम महिलाओं के मानवधिकारों का हनन होना है।

लॉ बोर्ड के अध्यक्ष को लिखा पत्र
डॉ० जसीम मोहम्मद ने बताया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में राजनीतिक दलों से जुड़े सदस्यों की संख्या अधिक है और जिससे बोर्ड का राजनीतिकरण हो रहा है। इसलिए मुस्लिम फोरम ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद एम राबे हसनी नदवी साहब को एक पत्र के माध्यम से माँग की है । इसमें बताया गया कि राजनीतिक दलों से जुड़े सदस्यों को सदस्यता बोर्ड से समाप्त की जाए और बोर्ड मे केवल इस्लामिक विज्ञान, उलेमा एवं मुस्लिम कानूनविदों को ही सदस्य बनाया जाए ताकि बोर्ड का राजनीतिकरण रोका जा सके। राजनीतिक दलों से जुड़े सदस्य केवल अपने अपने दलों के हित को ध्यान मे रखते है और दूसरी ओर राजनीतिक दल भी बोर्ड के मन्य का दुरूपयोग करते है।

तीन तलाक की प्रथा पर लगानी चाहिए रोक
डॉ० जसीम मोहम्मद ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को भी तत्काल एक ही समय मे तीन तलाक की प्रथा पर रोक लगानी चाहिए और अपने फैसले पर पुनः विचार करना चाहिए ताकि कोर्ट अथवा अन्य किसी संस्था का दखल देने की आवश्यक्ता न पड़े। मुस्लिम फोरम का उद्देश्य केवल मुस्लिम समाज और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में इस्लामिक शरिया के अनुसार सुधार करने का है क्योंकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मुस्ल्मि समाज की सर्वोच्च सम्मानित एवं आधिकारिक संस्था है।

मुस्लिम महिलाओं को भी मिले उनका अधिकार
डॉ० जसीम मोहम्म्द ने बताया कि फोरम द्वारा एक समय मे तीन तलाक पर फैसले पर पुनः विचार करने के लिए बोर्ड को आग्रह किया था। उन्होंने बताया कि तीन तलाक का मामला मुस्लिम समाज खुद फैसला करे। मुस्लि पसर्नल लॉ बोर्ड एक जिम्मेदार और सम्मानित संस्था है और देश के मुस्लिम समाज तीन तलाक के मामले मे बोर्ड का पुनःविचार करने के फैसले का इन्तज़ार कर रहा है। डॉ० जसीम मोहम्मद ने आशा व्यक्त की है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद एम रावे हसनी नदवी साहब और अन्य गैर राजनीतिक सदस्य मुस्लिम फोरम के आग्रह पर गौर करेगें ताकि बोर्ड की महत्वता बनी रहे और मुस्लिम महिलाओं को भी उनका अधिकार प्राप्त हो।


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