दरअसल, अगस्त 2017 में पश्चिम बंगाल के वीरभूमि में हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इस घटना के बाद भाजपा के युवा नेता योगेश वार्ष्णेय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराते हुए उनका सिर लाने वाले को 11 लाख रुपए का पुरुस्कार देने की घोषणा की थी। मामला संसद में उठा तो वीरभूमि के टीएमसी नेता ने योगेश वार्ष्णेय के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया। उस दौरान भी पश्चिम बंगाल पुलिस योगेश वार्ष्णेय को गिरफ्तार करने अलीगढ़ पहुंची थी, लेकिन भाजपा नेताओं ने गिरफ्तारी नहीं होने दी थी।
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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से दुकानदार ने मांगी मदद, कहा मेरे बच्चे के दिल में छेद, सांसद ने कहा इलाज हमारी जिम्मेदारी बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम को फिर से पश्चिम बंगाल पुलिस की टीम योगेश वार्ष्णेय को गिरफ्तार करने और उनके घर कुर्की का नोटिस चस्पा करने पहुंची थी। आरोप है कि कोलकाता पुलिस दो पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में योगेश के घर में घुस गए। जहां महिलाओं से अभद्रता और मारपीट की गई। जैसे ही इसकी सूचना भाजपा के कार्यकर्ताओं को मिली तो वे योगेश वार्ष्णेय के घर पहुंच गए। देखते ही देखते हंगामा शुरू हो गया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और कोलकाता पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की और मारपीट हुई। इसके बाद मौके पर स्थानीय सांसद और विधायक भी पहुंच गए। उन्होंने कार्यकर्ताओं को शांत कराते हुए आश्वासन दिया कि योगेश वार्ष्णेय को किसी भी कीमत पर पश्चिम बंगाल पुलिस को ले जाने नहीं देंगे।