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अलीराजपुर

नसबंदी के लिए शाम तक इंतजार करती रहीं महिलाएं, नहीं आए डॉक्टर

ऑपरेश्न करने के लिए जो डॉक्टर आना थे वे नही आ रहे है और उनकी जगह वैकल्पिक व्यवस्था कर पेटलावद से डॉक्टर को बुलाया गया

अलीराजपुरFeb 07, 2020 / 04:40 pm

kashiram jatav

नसबंदी के लिए शाम तक इंतजार करती रहीं महिलाएं, नहीं आए डॉक्टर

नसबंदी के लिए शाम तक इंतजार करती रहीं महिलाएं, नहीं आए डॉक्टर

आलीराजपुर. जिला अस्पताल हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है ना तो यहा सही तरीके से मरीजों का उपचार हो पाता है और ना ही समय पर डॉक्टर मिल पाते है हद तो तब हो गई जब जिला अस्पताल द्वारा शिविर लगा कर महिलाओं को नसबंदी के लिए आलीराजपुर लाने के लिए प्रेरित किया गया और जब ऑपरेशन के लिए महिलाएं पहुची तो वहां पर देर शाम तक वे परेशान होती रही की कब उनका आपरेशन किया जाएगा और कब उन्हे छुटटी मिलेगी।
लापरवाही का आलम यह था कि महिलाओं को यह तक नही बताया गया की उनका ऑपरेश्न करने के लिए जो डॉक्टर आना थे वे नही आ रहे है और उनकी जगह वैकल्पिक व्यवस्था कर पेटलावद से डॉक्टर को बुलाया गया है। जो की आलीराजपुर से 165 किमी दूर है। ऐसे में आपरेशन करने वाले डॉक्टर को पहुंचने में ही 4 घंटे से अधिक का समय लगेगा।
उक्त जानकारी भी डॉक्टरोंं द्वारा तब दी गई जब इस प्रतिनिधि ने महिलाओं की परेशानियों से उन्हें अवगत करवाते हुए देरी के बारे में बताया। प्रभारी डॉ. संजय सोलंकी का कहना था कि जो डॉक्टर आलीराजपुर में ऑपरेशन के लिए आने वाले थे उनके साथ बखतगढ़ से लौटते वक्त रास्ते में छीना छपटी एवं गाली गलौज की गई जिसके चलते वे आलीराजपुर रुकने के बजाय सीधे ही अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए। जिसके कारण से यह समस्याएं उत्पन्न हुई है। अब उनके द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था कर दी गई है।
दूर दराज से आई थीं महिलाएं
आलीराजपुर जिला चिकित्सालय में आसपास के ग्रामीण दूर दराज की महिलाएं सुबह 9 बजे से ही जिला चिकित्सालय में आपरेशन के लिए आ गई थी। लेकिन शाम 6 बजे तक उनकी कागजी खानापूर्ति के साथ चिकित्सकों द्वारा उन्हें विभिन्न प्रकार के टीके लगाकर पलंग पर लैटा दिया गया था। ताकी इनका आपरेशन हो सके। गुरूवार देर शाम तक आपरेशन ना होने पर महिलाओं के परिजन परेशान हो गए और इस संबंध में उनके द्वारा इस बात को लेकर असंतोष जताया गया की सुबह से लेकर शाम हो गई है लेकिन अभी तक उनकी सुनवाई नहीं हो पाई है। ग्रामीणों का कहना था की हम हमारे गांव से पैदल चलकर रोड़ तक पहुंचे है ओर उसके बाद साधन से आलीराजपुर जिला चिकित्सालय आए है। ऐसे में चिकित्सको का ना आना घोर लापरवाही है।
डॉक्टर परमार के साथ हुआ दुव्र्यवहार
जिला चिकित्सालय में आपरेशन के पूर्व बखतगढ़ में भी आपरेशन किए जाने थे जहां डॉक्टर रामेश्वर परमार झाबुआ द्वारा आपरेशन किए गए। जिसके बाद वे आलीराजपुर की और आ रहे थे की रास्ते में मधुपल्लवी के समीप किसी व्यक्ति द्वारा डॉक्टर परमार की कार को रोककर उनके साथ दुव्र्यवहार किया गया। जिससे वे क्षुब्द होकर सीधे ही झाबुआ की और रवाना हो गए। जिसका खामियाजा आपरेशन कराने आलीराजपुर जिला चिकित्सालय आई महिलाओं को उठाना पड़ा। जिसके बाद प्रभारी डॉक्टर संजय सोलंकी ने सीएमएचओ प्रकाश ढोकेए सिविल सर्जन डॉक्टर आर मंडल को जानकारी देकर डॉक्टर जीएस चौयल पेटलावद को आपरेशन के लिए आलीराजपुर बुलवाया।
आंगनवाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं के समझाने पर वे यहां आए थे: नसबंदी आपरेशन के लिए विभागीय तौर पर कई विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को डयूटी पर लगाया जाता है जिसके फलस्वरूप ही महिलाएं नसबंदी का आपरेशन कराने के लिए तैयार होती है। ऐसे में महिलाओं के साथ आपरेशन के पूर्व इस प्रकार की घटना हो जाए तो वह किसी भी मिशन के लिए हानिकारक ही नहीं बल्कि घातक है। नसबंदी आपरेशन करवाने आई महिलाओं का कहना था की आंगनवाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं के समझाने पर वे यहां आए थे और इस प्रकार की घटना हो गई। सुबह से हम लोग भूखे प्यासे है और हमे नाश्ते के रूप में अब जाकर देर शाम को बिस्किट के पैकेट दिए गए है।
एसडीएम भी पहुंचे
घटना की जानकारी मिलने के बाद आलीराजपुर एसडीएम विजयसिंह मंडलोई भी जिला चिकित्सालय पहुंचे जहां उन्होंने वस्तु स्थिति को जानकार इस संबंध में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर कलेक्टर सुरभि गुप्ता को अवगत कराया।

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