scriptइलाहाबाद हाईकोर्ट में वकीलों ने किया कार्य का बहिष्कार | Allahabad high court advocates on Strike news in Hindi | Patrika News
प्रयागराज

इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकीलों ने किया कार्य का बहिष्कार

सीआईएस सिस्टम में गड़बड़ी, पार्किंग अव्यवस्था और वादकारियों का प्रवेश रोकने से नाराजगी

प्रयागराजFeb 09, 2018 / 10:14 pm

Akhilesh Tripathi

इलाहाबाद. सीआईएस सिस्टम में गड़बड़ी, पार्किंग अव्यवस्था और हाईकोर्ट में वादकारियों का प्रवेश रोकने से परेशान उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत रहे। वकीलों की हड़ताल की वजह से किसी भी न्याय कक्ष में न्यायिक कार्य नही हुआ। न्यायमूर्ति अपने न्याय कक्ष में गए तो लेकिन उन्हें वापस चेम्बर भेज दिया गया। उधर वकीलों को भी किसी गेट से अंदर जाने से रोका गया।
हाईकोर्ट बार एसोशिएशन ने विरोध स्वरूप शुक्रवार को एक दिनी प्रतीकात्मक हड़ताल की थी। मुख्य न्यायाधीश और वरिष्ठ न्यायमूर्तियों के तमाम आश्वासन के बावजूद परेशानी दूर न होने को लेकर एक दिनी हड़ताल का निर्णय बार ने लिया था।
अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायिक कार्य ठप रहा। जहां दूर दराज से आये वादकारियों को परेशानी उठानी पड़ी। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सीआईएस सिस्टम लागू करने में अड़चनों के चलते चरमराई व्यवस्था के चलते न्यायिक कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया।
सुबह से ही कोर्ट परिसर में प्रवेश के दरवाजे नही खुले। परिसर के बाहर वकीलों की भीड़ जुटी रही। धीरे धीरे वे वापस लौट गए। रोज की तरह न्यायाधीश अदालतों में बैठे। वकीलों की गैर मौजूदगी के चलते आवश्यक काम निपटाने के बाद वे भी अपने चेम्बरों में आ गए। बार के अध्यक्ष आई के चतुर्वेदी व महासचिव ए सी तिवारी के नेतृत्व में बार कार्यकारिणी एवम सदस्यों ने व्यवस्था की अव्यवस्था के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।
मालूम हो की पिछले 20 दिनों से हाईकोर्ट में सीआईएस सिस्टम अपलोड किया जा रहा है। मुकदमों के दाखिले एवम सुनवाई व्यवस्था बदलाव प्रक्रिया के कारण सिस्टम लगभग फेल हो गया है। मुकदमों की सुनवाई की अनिश्चितता के कारण वकीलों में असन्तोष बढ़ने लगा तो न्यायाधीशों ने बार से एक सप्ताह का सहयोग मांगा।
15 दिन बीत जाने के बाद भी मुख्य न्यायाधीश डी.बी. भोसले व जस्टिस दिलीप गुप्ता अध्यक्ष कम्प्यूटर कमेटी ने बार एसोसिएसन में आकर एक माह में सिस्टम सही होने तक बार का सहयोग मांगा। कहा कि यह सिस्टम बहुत उपयोगी है। पूरे भारत में इसे लागू किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर न्यायिक प्रक्रिया में सुधारों की मुहिम लागू करते हुए बेहतर तकनीकी लायी जा रही है। नई तकनीकी लाने की ओर बढ़े कदमों के कारण मुकदमों के दाखिले व सुनवाई की प्रक्रिया ध्वस्त हो गयी है। मुख्य न्यायधीश ने प्रतिकूल आदेश पारित न करने का सभी न्यायाधीशों से अनुरोध भी किया है।
स्थिति में सुधार की धीमी गति से खिन्न वकीलों का धैर्य जवाब देने लगा। वादकारी के प्रति दायित्व की पूर्ति न कर पाने के कारण वकीलों ने शुक्रवार को कार्य बहिष्कार का फैसला लिया। वकीलों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि बिना बार एसोसिएशन से परामर्श किये नित नई स्कीम लागू की जा रही है। नये इवेंट की वाहवाही लूटने के चक्कर में वकीलों व वादकारियों को परेशान किया जा रहा है। उधर बार की बैठक ओल्ड अध्ययन कक्ष में दोपहर एक बजे आहूत की गई। जिसमें यह निर्णय लिया गया कि अधिवक्ता 12 फरवरी से नियमित रूप से कार्य करेंगे।
अध्यक्ष आई के चतुर्वेदी ने बताया कि आज चीफ जस्टिस से सीआईएस सिस्टम को जल्द से जल्द उच्चीकृत करते हुए वादकारियों को आने वाली समस्याओं को दूर करने की मांग की गई। कार्यकरिणी की अगली बैठक 15 फरवरी को होगी, जिसमें इस संदर्भ में निराकरण किये जाने हेतु उठाये गए कदमों से अवगत होने पर सूचना के परिप्रक्ष्य में अग्रिम निर्णय लिया जाएगा।

वरि.उपाध्यक्ष रविन्द्र नाथ ओझा, उपाध्यक्ष सुधीर दीक्षित, मुन्ना यादव, श्रीराम पाण्डेय, आनंद मोहन पाण्डेय संयुक्त सचिव प्रेस संतोष कुमार सिंह के अलावा ओम आनंद, नबीउल्ला, बलवंत सिंह, हरीश प्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो