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प्रयागराज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूछा कि मुख्य सचिव बताएं कि शिक्षा विभाग में क्यों लंबित हैं इतने मुकदमे, 72 घन्टे में रजिस्टर कराएं अवगत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि कुशल और सक्षम अधिकारियों को काम की जगह तैनात किया जाना चाहिए, जो निर्णय तेजी से ले सकें। इसके साथ ही कोर्ट ने रजिस्ट्रार को 72 घंटे में मुख्य सचिव को आदेश से अवगत कराने को कहा है। न्यायालय ने निर्देश दिया है कि मुख्य सचिव अपनी रिपोर्ट रजिस्ट्रार के माध्यम से कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 24 जुलाई की तिथि निर्धारित की है।

प्रयागराजMay 20, 2022 / 12:29 pm

Sumit Yadav

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूछा कि मुख्य सचिव बताएं कि शिक्षा विभाग में क्यों लंबित हैं इतने मुकदमे, 72 घन्टे में रजिस्टर कराएं अवगत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूछा कि मुख्य सचिव बताएं कि शिक्षा विभाग में क्यों लंबित हैं इतने मुकदमे, 72 घन्टे में रजिस्टर कराएं अवगत

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव पर नाराजगी जाहिर करते हुए सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने पूछा है कि मुख्य सचिव बताएं कि शिक्षा विभाग से जुड़ें मुकदमे लंबित क्यों हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि मातहतों द्वारा न्यायालय एवं आदेशों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है। इसके साथ ज्यादातर मामले में पाया जाता है कि ये अधिकारी अक्षम हैं, उन्हें कम से कम काम के साथ डेस्क पर रखा जाना चाहिए।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि कुशल और सक्षम अधिकारियों को काम की जगह तैनात किया जाना चाहिए, जो निर्णय तेजी से ले सकें। इसके साथ ही कोर्ट ने रजिस्ट्रार को 72 घंटे में मुख्य सचिव को आदेश से अवगत कराने को कहा है। न्यायालय ने निर्देश दिया है कि मुख्य सचिव अपनी रिपोर्ट रजिस्ट्रार के माध्यम से कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 24 जुलाई की तिथि निर्धारित की है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने राकेश देवी उर्फ राकेश कुमारी की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि हाल के दिनों में शिक्षा विभाग की ओर से अवमानना याचिकाओं की संख्या बढ़ी है। आदेशों का पालन न होने के कारण राज्य सरकार के लगभग 20-25 अधिकारी न्यायालय के समक्ष पेश हो रहे हैं। ऐसा राज्य सरकार के अधिकारियों की अक्षमता और निर्णय न ले पाने में सक्षम न होने की वजह से हो रहा है।
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24 घंटे के भीतर ईमेल से भेजें सूचना

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि विभाग में पदस्थापित विधि विभाग के अधिकारियों द्वारा कानूनी सलाहकार के कार्यालय के साथ-साथ संबंधित विभाग को निर्णय के 24 घंटे के भीतर ई-मेल के माध्यम से सूचना भेजने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाए। कोर्ट ने कहा कि एक सामान्य विशेषता है कि मामलों को केवल जानकारी की कमी के आधार पर वर्षों तक खींचा जाता है, जिसे डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग करके कम किया जा सकता है। मेल से जहां विलंब नहीं होगा, वहीं अनावश्यक मुकदमेबाजी में वृद्धि नहीं होगी।

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