पुलिस के खिलाफ क्यों कार्यवाही नहीं की गयी। कोर्ट ने इतने बड़े अमानवीय कृत्य में केवल चार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही को संतोषजनक नहीं माना। हालांकि राज्य सरकार द्वारा की गयी फौरी कार्यवाही के प्रशंसा की। राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपने की संस्तुति केन्द्र सरकार को कर दी है। साथ ही सेक्स रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए एसआईटी गठित कर दी है।
इस मामले में पुलिस की भूमिका की जांच के लिए एडीजी गोरखपुर को लगाया गयाहै। पुलिस की कार्यप्रणाली की जांचकर कार्यवाही की जायेगी। त्रिपाठी ने बताया कि सेल्टर होम अवैध रूप से चल रहा था, 2017 में ही लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। सेन्टर में 48 लड़कियां थी, 23 की बरामदगी की गयी, 14 को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया। अभी भी सात लड़कियां लापता हैं। संचालिका को गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट ने सीबीआई अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश से केन्द्र के आदेश की जानकारी लेने को कहा है।
कोर्ट ने वीआईपी के रैकेट के पीछे हाथ होने का पता लगाने पर बल दिया। मामले की प्राथमिकी प्रभात कुमार ने दर्ज करायी है। कोर्ट ने सोमवार 13 अगस्त को मांगी गयी जानकारी देने को कहा है।