याची के ओर से अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का तर्क था कि अपर पुलिस अधीक्षक पीएसी हेड क्वाटर लखनऊ ने सात मई 2022 को एक आदेश जारी कर कांस्टेबलों का सशस्त्र पुलिस में स्थानांतरण करने का आदेश दिया है। इसके बाद याचीगण का स्थानांतरण पीएसी से विभिन्न जिलों मंडलों में कर दिया गया।
कहा गया कि पीएसी के जवानों का स्थानांतरण सिर्फ पीएसी के भीतर एक से दूसरे स्थान पर प्रदेश सरकार द्वारा गठित प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी इस्टैब्लिशमेंट बोर्ड की ओर से हो सकता है। हालांकि स्थानांतरण आदेश को देखने से स्पष्ट है कि सरकार ने ऐसा कोई बोर्ड गठित नहीं किया है। ऐसी स्थिति में पीएसी कांस्टेबलों का स्थानांतरण पीएसी से बाहर नहीं किया जा सकता है। न्यायालय ने प्रदेश सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर के सर्व के दौरान शिवलिंग मिलने बाद कानूनी कार्यवाही के साथ ही सियासत भी गर्म हो गई है। सभी के द्वारा तर्क दिया जा रहा है। इसी क्रम में प्रदेश के डिप्टी सीएम ने भी ट्वीट किया। अपने ट्वीट माध्यम से सत्य की जीत होने की बात कही है।