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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब, पीएसी कांस्टेबलों के सशस्त्र पुलिस में स्थानांतरण पर लगाई रोक, जानिए वजह

locationप्रयागराजPublished: May 16, 2022 10:54:54 pm

Submitted by:

Sumit Yadav

याची के ओर से अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का तर्क था कि अपर पुलिस अधीक्षक पीएसी हेड क्वाटर लखनऊ ने सात मई 2022 को एक आदेश जारी कर कांस्टेबलों का सशस्त्र पुलिस में स्थानांतरण करने का आदेश दिया है। इसके बाद याचीगण का स्थानांतरण पीएसी से विभिन्न जिलों मंडलों में कर दिया गया। कहा गया कि पीएसी के जवानों का स्थानांतरण सिर्फ पीएसी के भीतर एक से दूसरे स्थान पर प्रदेश सरकार द्वारा गठित प्रादेशिक आर्म्‍ड कांस्टेबुलरी इस्टैब्लिशमेंट बोर्ड की ओर से हो सकता है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब, पीएसी कांस्टेबलों के सशस्त्र पुलिस में स्थानांतरण पर लगाई रोक, जानिए वजह

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब, पीएसी कांस्टेबलों के सशस्त्र पुलिस में स्थानांतरण पर लगाई रोक, जानिए वजह

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएसी कांस्टेबल मामले की सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण फैसला लिया है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए पीएसी में कार्यरत कांस्टेबलों के सशस्त्र पुलिस में स्थानांतरण करने पर रोक लगा दिया है। आगे कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब भी मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने सुनील कुमार चौहान और 186 अन्य कांस्टेबलों की याचिका पर दिया है।
याची के ओर से अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का तर्क था कि अपर पुलिस अधीक्षक पीएसी हेड क्वाटर लखनऊ ने सात मई 2022 को एक आदेश जारी कर कांस्टेबलों का सशस्त्र पुलिस में स्थानांतरण करने का आदेश दिया है। इसके बाद याचीगण का स्थानांतरण पीएसी से विभिन्न जिलों मंडलों में कर दिया गया।
कहा गया कि पीएसी के जवानों का स्थानांतरण सिर्फ पीएसी के भीतर एक से दूसरे स्थान पर प्रदेश सरकार द्वारा गठित प्रादेशिक आर्म्‍ड कांस्टेबुलरी इस्टैब्लिशमेंट बोर्ड की ओर से हो सकता है। हालांकि स्थानांतरण आदेश को देखने से स्पष्ट है कि सरकार ने ऐसा कोई बोर्ड गठित नहीं किया है। ऐसी स्थिति में पीएसी कांस्टेबलों का स्थानांतरण पीएसी से बाहर नहीं किया जा सकता है। न्यायालय ने प्रदेश सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
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