मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि भारतीय रेल मैकेनिकल इंजीनियरिंग सेवा के 1987 बैच के अधिकारी अमिताभ उत्तर रेलवे, बड़ौदा हाउस में मुख्य यांत्रिक इंजीनियर (योजना) के पद पर कार्यरत थे। इनका जन्म इलाहाबाद में हुआ और बचपन भी यहीं बीता है।
अमिताभ ने मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कालेज इलाहाबाद से 1986 में बी.ई मैकेनिकल इंजीनियरिंग तथा 1988 में मास्टर डिग्री प्राप्त किया है। 1991 से 1993 तक इलाहाबाद, 1993 से 1995 तक
बीकानेर , 1995 से 1996 तक दिल्ली, 1996 से 2003 तक डिप्टी सीएमई एवं सीनियर डीएमई के पद पर दिल्ली में कार्यरत रहे। 2004 से 2009 तक डाइरेक्टर सेफ्टी रेलवे बोर्ड के पद पर, 2009 से 2011 तक अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) दिल्ली के पद पर, 2011 से 2012 तक सेक्रेटरी, हाई लेवल रिव्यू कमेटी रेलवे बोर्ड, 2012 से 2013 तक सीपीएम (जे एण्ड के), 2013 से 2014 तक उत्तर रेलवे मुख्यालय नई दिल्ली में भी कार्यरत रहे।
2014 से 2017 तक मुख्य यांत्रिक इंजीनियर रेल व्हील प्लांट, बेला तथा 31 जुलाई 2017 से 17 अप्रैल 2018 तक मुख्य यांत्रिक इंजीनियर (योजना) के पद पर उत्तर रेलवे बड़ौदा हाउस, नई दिल्ली में कर्यरत रहे। इसके अतिरिक्त अध्ययन, प्रशिक्षण, कांफ्रेंस एवं वर्कशॉप के लिए विदेश यात्रा भी किया और रेलवे में समय-समय पर विभिन्न पुरस्कारों मंडल रेल प्रबंधक पुरस्कार (1992), महाप्रबंधक पुरस्कार (1994,1997) तथा (2005, 2006) में भी इन्हे पुरस्कारों से नवाजा गया।