बीएसए ने एक ही जिले में अर्जी देने वाले अभ्यर्थियों की ही काउंसिलिंग की अनुमति दी है। जिन्होंने एक से अधिक में अर्जी दी है उन्हें अन्य जिलों के दावे छोड़ने का दबाव डाला जा रहा है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव से जवाब दाखिल करने अथवा कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया था। तीस जुलाई को जवाब न देने व हाजिर न होने पर कोर्ट ने कड़ा रूख अपनाया किन्तु एक अवसर देते हुए जवाब मांगा है।
बीएचएस सोसायटी विवाद- सरकार बिशप व प्राचार्य से दो हफ्ते में जवाब तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ब्वायज व गर्ल्स हाईस्कूल कॉलेज इलाहाबाद व बिशप के बीच विवाद के चलते 17 करोड़ 69 लाख रूपये 2004 से 2018 तक कैश में निकाल लेने की सीबीआई जांच की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार, बिशप व बीएचएस के प्रधानाचार्य से दो हफ्ते में जवाब मांगा है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने सैयद अजहर हुसैन की जनहित याचिका पर दिया है।
याची का कहना है कि कॉलेज की सोसायटी का विवाद है, प्रधानाचार्य व अन्य लोगों की मिलीभगत से भारी धनराशि गलत तरीके से निकाल ली गयी है। सोसाायटी के धन का व्यापक घपला किया गया है। सोसायटी के विवाद का फायदा उठाकर कॉलेज परिसर में बिना अनुमति के निर्माण कराये गये हैं। इस मामले में सिविल लाइंस थाने में दर्ज प्राथमिकी पर पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। वह कोर्ट में लंबित है। याचिका की सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।
डीएम, एसडीएम को फसल लगाने के विवाद तय करने का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संत कबीर नगर के जिलाधिकारी व भदोही के एसडीएम को याची को फसल लगाने में विपक्षियों द्वारा अवरोध उत्पन्न करने के मामले में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल तथा न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव की खण्डपीठ ने भदोही के चन्द्रकेश उर्फ चन्द्रेश की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याची अधिवक्ता आशुतोष शुक्ला का कहना था कि याचीगण ने सिविल वाद दायर किया है जिस पर कोर्ट ने यथास्थिति का आदेश दिया है। याची खेत में फसल लगाने गया तो विपक्षीगण ने उसे जबरन रोक रहे हैं। शिकायत पर जिला प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की।
उन्होंने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका लंबित है जिसमें कोर्ट ने जवाब मांगा है किन्तु स्थगनादेश नहीं दिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी को संक्षिप्त विचार का अधिकार है। कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को 16 सितम्बर 15 के शासनादेश के तहत तीन माह में निर्णय लेने का आदेश दिया है।
BY- Court Corrospondence