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प्रयागराज

Allahabad university: ये कैसा दीक्षांत, जब छात्रों को ही अंदर जाने की इजाजत नहीं

पूर्व शिक्षक सहित छात्र नेता लगातार विवि प्रशासन के खिलाफ उठा रहे है आवाज

प्रयागराजSep 03, 2019 / 12:36 pm

प्रसून पांडे

Allahabad university: ये कैसा दीक्षांत, जब छात्रों को ही अंदर जाने की इजाजत नहीं

Convocation will be held at Allahabad Central University

प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 23 वर्षों के बाद दीक्षांत समारोह आयोजित होने जा रहा है। पूरब का आक्सपोर्ट कहे जाने वाले विश्वविद्यालय में दो दशकों से दीक्षांत समारोह का आयोजन नहीं हुआ था। आगामी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह आयोजित किया जाएगा । शिक्षक दिवस के दिन सीनेट हॉल परिसर में होने वाले दीक्षांत समारोह में शैक्षिक सत्र 2017-18 के 120 से अधिक मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण ,रजत और कांस्य पदक दिया जाएगा।इलाहाबाद विश्वविद्यालय को 2005 में केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला । इस तरह से केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने के बाद यह पहला दीक्षांत समारोह आयोजित होगा । समारोह के मुख्य अतिथि नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी होंगे उनके हाथों से छात्र-छात्राओं को मेडल और डिग्री प्रदान की जाएगी।

181 शोधार्थियों को पीएचडी की डिग्री
केंद्रीय विश्वविद्यालय में लंबे समय बाद होने जा रहा दीक्षांत समारोह सुर्खियों में है। विश्वविद्यालय प्रशासन जहां एक और तैयारियों में लगा है तो वहीं छात्र नेताओं सहित पूर्व शिक्षक द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ बिगुल फूंक दिया गया है। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर रामेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया है कि इस दीक्षांत समारोह में 119 मेडल दिए जाएंगे। 57 मेधावी छात्रों को एंडोमेंट मेडल यानि यूनिवर्सिटी मेडल दिए जायेंगे। दीक्षांत समारोह के में 63 विद्यार्थियों को कुल 119 मेडल दिए जायेंगे। 181 शोधार्थियों को पीएचडी की डिग्री दी जाएगी।

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पूर्व राज्यपाल सहित डीजीपी को मानद उपाधि
दीक्षांत समारोह में विशेष अतिथियों को मानद उपाधि दी जाएगी। जिसमें पूर्व राज्यपाल पंडित केसरीनाथ त्रिपाठी को एलएलबी की डिग्री दी जाएगी। दूसरे मुख्य अतिथि डीजीपी उत्तर प्रदेश ओमप्रकाश सिंह को डॉक्टर आफ लेटर्स की डिग्री दी जाएगी। बता दें की विवि द्वारा उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह को मानद उपाधि दिए जाने पर पूर्व शिक्षक ने सवाल उठाए थे। जिनके समर्थन में छात्र नेताओं सहित कई पूर्व शिक्षक भी सामने आए हालांकि इन सब मुद्दों को दरकिनार कर विश्वविद्यालय प्रशासन दीक्षांत समारोह की तैयारियों में जुटा है।विश्वविद्यालय के समारोह में शिरकत करने के लिए सभी आगंतुकों को आमंत्रण पत्र या पास दिया जायेगा उसके बिना किसी की भी अंदर आने की अनुमति नहीं होगी।

छात्रों को कैंपस में आने की अनुमति नही
वर्षों बाद हो रहे 2019 दीक्षांत समारोह में भी दीक्षांत समारोह देखने का अवसर विद्यार्थियों या परिजनों को नहीं पाएगा। विश्वविद्यालय का कहना है कि सीटिंग व्यवस्था प्राप्त ना होने की वजह से सीमित लोगों को ही विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश की इजाजत दी गई है ।विश्वविद्यालय के हॉस्टल में रह रहे छात्रों के लिए तो विश्वविद्यालय ने लाइव प्रसारण टीवी की व्यवस्था कर दी है। लेकिन डेली गेसी में रहने वाले छात्रों को विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को देखने के लिए दीक्षांत समारोह का पूरा कार्यक्रम यूट्यूब पर अपलोड किया जाएगा।

राष्ट्रपति ने भेजा शुभकामना संदेश
प्रो रामेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक विश्वविद्यालय द्वारा मानद उपाधि दिए जाने के फैसले की जानकारी विश्वविद्यालय के विजिटर राष्ट्रपति प्रोफेसर रामनाथ कोविंद को भी दी गई है। उनकी ओर से बधाई संदेश भी विश्वविद्यालय को प्राप्त हो चुका है। वहीं डीजीपी ओपी सिंह को मानद उपाधि दिए जाने को लेकर कुछ विवाद सामने आने पर सफाई देते हुए परीक्षा नियंत्रक ने कहा है कि डीजीपी ओपी सिंह विश्वविद्यालय के पुराछात्र रहे हैं उन्हें कई पुरस्कार पहले भी मिल चुके हैं।इसलिए उन्हें मानद उपाधि दिए जाने का फैसला उचित है। बता दें विवि के पूर्व शिक्षक प्रो राम किशोर शास्त्री ने डीजीपी ओपी सिंह को उपाधि देने पर सवाल उठाये थे।

23 वर्षों बाद विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह
23 वर्षों से विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह आयोजित नहीं किया गया। आखिरी बार 1996 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ था। प्रो रामेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक जिसमें नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर रिचर्ड को मानद उपाधि प्रदान की गई थी।समारोह में मिसाइल मैन पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन सेशन और मुलायम सिंह यादव ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।2005 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा मिला इसके बाद दीक्षांत समारोह की तैयारी कई बार हुई लेकिन आयोजन पूरा नहीं कराया जा सका ।2009 में सीनेट हाल में दीक्षांत समारोह तो हुआ लेकिन सामान्य ही रहा। इसमें कुछ विद्यार्थियों को ही मेडल और डिग्रियां प्रदान करने की औपचारिकताएं पूरी की गई थी।

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