इसे भी पढ़ें –बाहुबली अतीक अहमद को रिमांड पर लेगी पुलिस ,इस दोहरे हत्याकांड में होगी पूछताछ साथ ही उन्होंने कहा की सरकार और प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना होगा कि ये बात तामिल में आये यह सिर्फ एक संप्रदाय के लिए नहीं होनी चाहिए । साथ ही उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय मस्जिद में ही नमाज पढ़ता है और जब भीड़ ज्यादा हो जाती है तो लोग सड़क पर आ जाते हैं । क्योंकि नमाज को जमात में ही पढ़ा जाता है उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया 5 से 7 मिनट की होती है । अगर इतनी देर में आवाम को तकलीफों का सामना करना पड़ता है । तो हमें यह आदेश मंजूर है । लेकिन इसकी तामिली सही ढंग से होनी चाहिए कहा की आने वाले समय में दुर्गा पूजा दशहरा देवी जागरण के लिए भी नियम का पालन होना चाहिए । कहा कि बीते दिनों मुख्यमंत्री प्रयागराज आए थे जिस रास्ते से उनका काफिला गुजर रहा था । वहां की ट्रैफिक रुको जा रही थी इतनी देर में हम नमाज पढ़ते हैं । सरकार को फैसले करने का अधिकार है सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं किसी को भी किसी भी धर्म की वजह से तकलीफ नहीं होनी चाहिए लेकिन सभी के लिए एक समान होनी चाहिए।
वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि महाराज ने कहा कि सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है । सरकार ने किसी एक धर्म संप्रदाय के लिए यह बात नहीं कही है । उन्होंने कहा कि सभी धार्मिक आयोजनों के लिए इसकी अनुमति लेनी होगी और यह अच्छी बात है कि जिसको भी कार्यक्रम करना है जो आयोजन करना है उसकी जानकारी शासन को दी जाए । उसका समय तय हो और यह सभी के लिए है सरकार के इस आदेश को किसी भी राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए यह धार्मिक सौहार्द और भाईचारे को बनाने में बड़ा सहयोग प्रदान करेगा । कई स्थानों पर यह देखने को मिल रहा था कई सम्प्रदाए इसे बेजा राजनितिक रूप दे रहे थे ।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह में सभी जोन के आईजी डीआईजी रेंज एसएसपी एसपी को निर्देश दिया है कि अलीगढ़ वा मेरठ की तरह सार्वजनिक स्थलों पर ऐसे धार्मिक आयोजन ना हो जिससे लोगों को व्यवधान हो और यातायात प्रभावित हो । बीजेपी ने कहा है कि सभी जिलों में सड़क पर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लागू करने का निर्देश दिया गया है । निर्देश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया गया है । विशेष मौके पर ऐसे आयोजन के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी । डीजीपी ने यह भी कहा है कि आला अधिकारी इसे सुनिश्चित कराएं किसी भी समुदाय का कोई भी धार्मिक आयोजन सड़क पर ना हो ।