आरोपियों में दो वार्ड ब्वाय, एक ड्रेसिंग मैन और एक सफाई कर्मी शामिल बताया जा रहा है। सीपीआरओ गौरव कृष्ण बंसल के मुताबिक आठ अगस्त की रात रेलवे के चारों कर्मचारी अस्पताल की ओपीडी बिल्डिंग के पीछे संदिग्ध तौर पर देखे गए थे।चारों आरोपी छुट्टी पर होने के बावज़ूद अस्पताल परिसर में लड़की के साथ देखे गए जिस पर अस्पताल के तैनात अफसर तरफ़ से कार्यवाही करते हुए चारों को निलम्बित करने के साथ ही विभागीय जांच भी बैठा दी गई है। जिसको अस्पताल अधिकारियों की तरफ़ से दी गई तहरीर में मुख्य आरोपी बनाया गया है उसकी ड्यूटी भी नहीं थी। इसके बावजूद वह अस्पताल में कैसे पहुंचा इसकी जांच भी हो रही है। सीपीआरओ के मुताबिक पीड़ित लड़की वाराणसी की रहने वाली है। जिस पर जांच के बाद ही अस्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकता है।
वहीं रेलवे अस्पताल परिसर में युवती से गैंगरेप की ख़बर फैलते ही तमाम सामाजिक संगठनों के लोगों ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सोमवार को जमकर नारेबाज़ी की और अस्पताल परिसर में हुई घटना के दोषियों पर सख़्त कारवाई की मांग की। वहीं पूरे मामले में एसएसपी इलाहाबाद नितिन तिवारी का कहना है कि रेलवे अस्पताल के डॉक्टर की ओर से मिली तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। एसएसपी ने कहा है कि मामले में आरोपित किए गए कर्मचारियों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है। इसके साथ ही पुलिस पीड़ित लड़की की भी तलाश कर उसके बयान दर्ज करने की कोशिशों में जुटी है।
फ़िलहाल इस पूरी घटना पर जब तक पीड़ित लड़की नहीं मिल जाती तब तक दोषियों पर पुलिस कारवाई मुश्किल ही लग रही है।क्यूंकि अस्पताल अधिकारियों ने इस मामले के आरोपियों के खिलाफ़ सम्बंधित थाने में तहरीर देने के साथ ही निलम्बित कर पूरे घटनाक्रम की तफ़तीश और कारवाई पुलिस के हांथ सौंपकर पल्ला झाड़ लिया है।अब ऐसे में देखने वाली बात यह होगी की इस पूरे घटनाक्रम को लेकर पुलिस का रुख क्या होता है।यह सब तब ह सम्भव है जब पीडिता सामने आये । हालाकि सभी आरोपियों को पुलिस की हिरासत में रखा गया है ।और पीडिता की तलाश जा रही है ।