यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने प्रमोद कुमार श्रीवास्तव व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने ग्राम विकास अधिकारी के 3133 पदों की भर्ती प्रक्रिया के तहत 18 जुलाई 2018 को परिणाम घोषित किया था।
इसे भी पढ़ें बसपा सांसद अतुल राय की जमानत खारिज, यौन शोषण के मामले में फंसे हैं आयोग ने कम्प्यूटर प्रमाण पत्र को लेकर 70 भूतपूर्व सैनिकों को विदहेल्ड श्रेणी में रखा। बाद में योजनाबद्ध तरीके से 15 भूतपूर्व सैनिकों को गलत शासनादेश एवं उच्च योग्यता के प्रमाण पत्र पर नियुक्ति दे दी गई। इसकी शिकायत शासन में की गई लेकिन विभाग ने कुछ नहीं किया। शेष 52 भूतपूर्व सैनिकों ने हाईकोर्ट में यह याचिका दाखिल की। याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने गत 13 नवंबर को भूतपूर्व सैनिकों को नियुक्ति प्रदान करने का आदेश दिया।
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