दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजनों में से एक कुंभ मेले की तरफ विदेशियों को आकर्षित करने के लिए जहां विदेशों में रोड शो और तस्वीरों के माध्यम से ब्रांडिंग की जा रही है, वहीं प्रशासन उमड़ने वाली करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ एवं आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए शासन-प्रशासन सुरक्षा इंतजामात को लेकर बेहद संजीदा है। आयोजन को विश्व स्तरीय स्वरूप प्रदान करने के लिए तमाम जतन कर रहे मेला प्रशासन ने सुरक्षा-व्यवस्था के लिए भी मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। मेला क्षेत्र में 30 की बजाय 40 थाने बनाए जाएंगे। वहीं 40 अग्निशमन केंद्र एवं 50 पुलिस चौकियों की भी स्थापना की जाएगी। मेले में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, पर्यटकों की सुरक्षा का मुद्दा अहम है। कुंभ मेले की सुरक्षा के लिए प्रशासन पूरा खाका तैयार तैयार करने जुटा है। मेले में दुनिया भर से श्रद्धालु आते है। मेले में इंट्री के लिये कोई भी पास या आइडी कार्ड नही होता। मुख्य स्नान पर्वों पर गाडियों का प्रवेश मेले में नहीं होता। ऐसे में आने जाने वाले हर व्यक्ति पर नजर रख पाना बेहद कठिन काम है। जिससे निपटने के लिए मेला क्षेत्र में 40 थाने और 50 पुलिस चौकियां बनाने की योजना है। साथ ही कुंभ मेला क्षेत्र में गरूण सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। केंद्र और राज्य सरकार कुंभ मेले का विदेशों में प्रचार.प्रसार करने में जुटी हुई। जिसे देखते हुए इस दफे मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है। ऐसे में मेला क्षेत्र का विस्तार भी किया जाएगा। पूर्व के वर्षों में मेले का आयोजन 1936 हेक्टेयर भू-भाग पर होता रहा है। इस दफे संगम की रेती पर 25 सौ हेक्टेयर भू-भाग पर तंबुओं का शहर बसेगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुंभ मेला कवींद्र प्रताप सिंह ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के 150 विशेष प्रशिक्षित घुड़सवार तैनात किए जाएंगे। सुरक्षा के लिए दूसरे जनपदों से लगभग 18 हजार पुलिस कर्मी तैनात किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि लगभग 25 हजार पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा। इनकी तैनाती दिसंबर माह तक कर ली जाएगी। जिसके लिए मेला क्षेत्र में पुलिस लाइन का भी निर्माण किया जाएगा। एसएसपी मेला ने कहा कि सिविल पुलिस एवं पीएसी के 12 हजार, सीआरपीएफ एवं होमगार्ड के छह-छह हजार जवान भी सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभालेंगे। किसी भी आपात परिस्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत बल एनडीआरएफ की भी दो कंपनियां तैनात की जाएंगी। उन्होंने कहा कि आगजनी की वारदातों से निपटने के लिए 40 अग्निशमन केंद्रों की भी स्थापना की जाएगी। जबकि पूर्व में 30 अग्निशमन केंद्र ही होते थे।
12 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद मेला प्रशासन को उम्मीद है कि दुनियाभर से 12 करोड़ लोग मेले में पहुंचेंगे। जिसमें लगभग बीस लाख कल्पवासियों के अलावा दस लाख विदेशी श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि संगम की रेती पर 25 लाख आबादी प्रवास करेगी। जिसका ध्यान रखते हुए मेला क्षेत्र को 20 सेक्टरों में बांटने की तैयारी है। जिससे अव्यवस्था से बचा जा सके। मेला क्षेत्र में पांच सौ से अधिक संस्थाओं को भूमि आवंटित की जानी है।
प्रमुख स्नान पर्व | तिथि |
मकर सन्क्रांति | 14 जनवरी |
पौष पूर्णिमा | 21 जनवरी |
मौनी अमावस्या | 04 फरवरी |
बसंत पंचमी | 10 फरवरी |
माघी पूर्णिमा | 19 फरवरी |
महाशिवरात्रि | 04 मार्च |