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प्रयागराज

यूपी के स्वास्थ्य मंत्री के शहर में गरीब मां को गिरवी रखनी पड़ी पायल, समय पर इलाज न मिलने से नवजात बच्ची की मौत

स्वरूपरानी सरकारी अस्पतालकर्मियों ने बाहर से दवा मंगाने के लिए लिखी पर्ची, पैसे की कमी के कारण देरी से हुआ आॅपरेशन

प्रयागराजNov 01, 2018 / 03:58 pm

प्रसून पांडे

Mother Mortgage

SRN

प्रयागराज:उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार रोज गरीबों के लिए नई—नई योजनायें लाने का दावा करती है। खुद मुख्यमंत्री सरकार को गरीबों मजदूरों और किसानों की सरकार कहते हैं, लेकिन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और स्वास्थ्य मंत्री सिदार्थनाथ सिंह के सिंह के गृह नगर में एक नवाजत बच्ची के इलाज के लिए एक गरीब मां को मेडिकल स्टोर पर अपनी पायल गिरवी रखनी पड़ी। शर्मशार कर देने वाली इस घटना से जुड़ी एक दवा पर्ची और तेजी से वायरल हो रही है। मामले की जानकारी होने के बाद इस घटना पर राजनीतिक दल भी सक्रिय हो गए हैं।

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ के शहर प्रयागराज में स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के बाहर एक मेडिकल स्टोर पर दवा की कीमत चुकाने के लिए मां को पायल गिरवी रखनी पड़ी है। इसके बादले दुकान से उसे दवाएं दी गईं और पर्ची पर लिखा गया कि पायल की कीमत 1240 रुपए चुकाने के बाद इसकी वापसी होगी। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ऋचा सिंह ने मेडिकल स्टोर्स की गिरवी रखने वाली पर्ची को सोशल साईट पर डाला है और राज्य सरकार पर जमकर हमला किया।

शास्त्री की विरासत के दावे पर सवाल
ऋचा ने पर्ची शेयर करते हुए सिद्धार्थनाथ सिंह पर तंज किया है। उन्होंने लिखा है कि जो लालबहादुर शास्त्री की खड़ाऊ रख कर वोट तो मांगते हैं पर वे शास्त्रीजी के अंश मात्र से भी प्रभावित नहीं हैं। जो ये मानकर चलते हैं कि अगस्त में तो बच्चे मरते हैं। ऋचा ने कहा, शहर के बीचों-बीच स्थित स्वरूपरानी सरकारी अस्पताल में कमीशनखोरी जमकर चलती है। डॉक्टर जो दवाएं लिखते हैं वो सरकारी दवाखाने में नहीं मिलती। इसके चलते ग़रीब माहिल अपने बच्चे के इलाज के लिये अपनी पायल 1240 रूपये के लिये गिरवी रखनी पड़ती है। सरकारी अस्पताल के ठीक सामने दवाई ही नहीं, बल्कि ग़रीब जनता से सामान गिरवी रखवाने का धंधा भी ज़ोरों पर चल रहा है। इस रसीद को पढ़कर आप समझ सकते है एक ग़रीब इंसान की मजबूरी और पीड़ाऔर मंत्री जी की असंवेदनशीलता और नाकारापन साबित करती है।

कांग्रेस ने कहा इजाल के बिना मर गई बच्ची
सोशल मीडिया पर पर्ची वायरल होने के बाद कांग्रेस नेता विष्णुकान्त ने कहा, स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और दलाली की वजह से फिर एक बच्ची को जिंदगी गवानी पड़ी। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के शहर के सरकारी अस्पताल में यह हाल है। कांग्रेस नेता के अनुसार गरीब महिला डिलीवरी के लिए सरकारी अस्पताल आई थी। जबकि अस्पतालकर्मी कमीशन के लालच में उससे बाहर से दवाएं मंगवाते रहे। जांच भी बाहर से करवाई गई। जितनी दवाएं मंगाई गईं उतने की जरूरत भी नहीं थी। परिजन पैसे के अभाव में दवा देर से ला सके जिससे आपरेशन में देर हुई। नवजात बच्ची की हालत गम्भीर थी। डॉक्टरों ने कहा, दवा देर से लाए तो आपरेशन देरी से हुआ इसलिए ऐसा हुआ। बच्ची को तुरंत ऑक्सीजन की जरूरत थी, उसे चिल्ड्रेन अस्पताल भेजा गया, लेकिन वहां वेंटीलेटर खाली नहीं था। परिजन बच्ची को प्राइवेट अस्पताल ले गए। एक दिन के वेंटिलेटर का खर्च 18 हजार बताया गया तो परिजन निराश होकर बच्ची को लेकर लौट गए। इस बीच बच्ची दम तोड़ चुकी थी। कांग्रेस नेता ने बताया कि महिला का इलाज अस्पताल में चल रहा है। दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन या कोई जिम्मेदार अधिकारी इस बारे में कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

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