धारा 370 और 35 ए पर मुहर
विहिप के संत सम्मेलन में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के साथ ही जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटाये जाने का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा। वहीं विहिप केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में लाये गए प्रस्तावों पर भी साधु संतों ने अपनी मुहर लगी दी है। साधु संतों ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर जहां केन्द्र सरकार के ट्रस्ट गठन तक इंतजार करने की बात कही है। वहीं विहिप के प्रस्तावित राम मंदिर मॉडल पर ही मंदिर का निर्माण हो साधु संतों ने ऐसा भी तय कर लिया है।
सिर्फ हिन्दू ही लिखे
इसके साथ ही साधु संतों ने कहा है कि राम जन्म भूमि से जुड़े साधु संतों की ट्रस्ट गठन में उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। इसलिए विहिप के संत सम्मेलन के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट में कुछ संतों को शामिल करने का भी सुझाव संतों ने केन्द्र सरकार को दिया है। आने वाले नवरात्र में राम मंदिर निर्माण शुरु होने की साधु संतों ने इच्छा भी जतायी है। इसके साथ ही संत सम्मेलन में जाति प्रथा को लेकर भेदभाव खत्म करने का भी साधु संतों ने बड़ा संकल्प लिया है। साधु संतों ने कहा है कि हिन्दुओं को जाति के बजाय अब हिन्दू ही लिखना चाहिए। इसके लिए हिन्दू समाज में जनजागरण भी किया जायेगा।
अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून
विहिप केन्द्रीय मार्ग दर्शक मंडल में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने और राष्ट्रीय जनसंख्या नीति घोषित करने जैसे प्रस्तावों का भी संत सम्मेलन आये साधु संतों ने समर्थन किया है। राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की अध्यक्षता में हुए विराट संत सम्मेलन में यह भी तय किया गया है कि 25 मार्च को नवरात्र से लेकर 8 अप्रैल हनुमान जयंती तक देश के हर जिले, गांव में रामोत्सव मनाया जायेगा। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि सीएए को लेकर जब केन्द्र सरकार हर जिले में अफसर तैनात करेगी और लोगों को कागजात मांगे जायेंगे तो विहिप लोगों को नागरिकता दिलाने में भी मदद करेगी। उन्होंने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून किसी धर्म विशेष के लोगों के खिलाफ कतई नहीं है। बल्कि यह कानून पाकिस्तान, बंग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक रुप से पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का है।