आस्था के कुंभ 2019 में जहां एक तरफ करोड़ों श्रद्धालु गंगा -यमुना और अदृश्य सरस्वती का स्नान दर्शन कर पुण्य लाभ कमाएंगे। वही दूर देश से आए प्रवासी पंछियों को देखकर अभिभूत होंगे।सर्दी की आहट शुरू होने के कुछ ही दिन बाद संगम पर प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो गया। जो यहाँ आने वाले श्रधालुओं को बेहद आकर्षित करते है।
संगम में आने वाले यह पंक्षी शहरियों को इस कदर भाते है की इन दिनों संगम घाटों पर शाम को भीड़ जमा हो रही है। यह पंक्षी नमकीन और सेव के दाने खाते है। नमकीन और सेव खाने के लिए झुंड में पंक्षी नाव और घाटों पर इकठ्ठा होते है।और इनके साथ सेल्फी लेने और इनकी तस्वीर लेने की होड़ लगी रहती है। इनके आने के साथ ही नाविकों की कमाई में भी इजाफा हो जाता है ।
अलग-अलग प्रजातियों के प्रवासी पक्षी ठंड शुरू होते ही संगम में आने लगते हैं। और इनकी वापसी अप्रैल तक होती है ।इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ रघु सिन्हा ने बताया कि अधिकांश पक्षी लेह लद्दाख साइबेरिया मंगोलिया तिब्बत में राजस्थान से आते हैं।प्रवासी पक्षियों में ब्राउन हेडेड गर्ल ब्लैक हेडेड गर्ल जलकुकड़ी पचरा प्रजाति के पंछी आते हैं यह पंछी 5 माह के लिए संगम पर अपना बसेरा बनाते हैं। साथी धार्मिक स्त्री को पर्यटन की दृष्टि से भी खूबसूरत बनाते हैं।