scriptअलवर से एक कविता रोज: धोखा है,भुलावा है- झूठा संकल्प, लेखक-राम चरण राग अलवर | Alwar Se Ek Kavita Roj Dhokha Hai Bhulava hai By Ram Charan Rag Alwar | Patrika News
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अलवर से एक कविता रोज: धोखा है,भुलावा है- झूठा संकल्प, लेखक-राम चरण राग अलवर

धोखा है, भुलावा है- झूठा संकल्पबीतते ही जाते यूं कल्पों पर कल्प।
जीवन में फूंक रहे मृत्यु का मंत्ररचते लुटेरे ये कैसा षड्यंत्रशून्य में विलीन हुए सारे विकल्पबीतते ही जाते हैं यूं कल्पों पर कल्प।

अलवरSep 20, 2020 / 07:39 pm

Lubhavan

Alwar Se Ek Kavita Roj Dhokha Hai Bhulava hai By Ram Charan Rag Alwar

अलवर से एक कविता रोज: धोखा है,भुलावा है- झूठा संकल्प, लेखक-राम चरण राग अलवर

धोखा है,भुलावा है- झूठा संकल्प

धोखा है, भुलावा है- झूठा संकल्प
बीतते ही जाते यूं कल्पों पर कल्प।

जीवन में फूंक रहे मृत्यु का मंत्र
रचते लुटेरे ये कैसा षड्यंत्र
शून्य में विलीन हुए सारे विकल्प
बीतते ही जाते हैं यूं कल्पों पर कल्प।
सपेरों की बस्ती है, साँपों का खेल,
फांस रही मीनों को ये मोटी व्हेल
अर्जित कर पापों को मिटता न जल्प
बीतते ही जाते यूं कल्पों पर कल्प।

आओ हम काटें इस उलझन का जाल
अब न मछेरों से घबराएं ताल
लाएंगे सुराज हम अपना संकल्प
बीतेंगे फिर यूं कल्पों पर कल्प
रामचरण राग, निवासी अलवर

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