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Exclusive: उपचुनावों में शराब तस्करी रोकेगी एक साल की जिया, इस तरह करती है काम

अलवर लोकसभा उपचुनावों के लिए पुलिस ने जोधपुर से बुलाई खास मादा स्वान। चौरी, डकैती, हत्या सहित मादक पदार्थ व शराब तस्करी रोकने में है एक्सपर्ट।

अलवरJan 16, 2018 / 09:14 am

Rajiv Goyal

Belgium shepherd dog jia will stop liquor smuggling in alwar election
अलवर. लोकसभा उपचुनाव में एक साल की ‘जिया’ अलवर में शराब की तस्करी रोकेगी। पुलिस ने चुनाव के दौरान शराब तस्करी सहित मादक पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए जोधपुर से विशेष तौर पर जिया को अलवर बुलाया है।
एेसा पहली बार है जब चुनाव में शराब तस्करी रोकने के लिए पुलिस श्वान का सहारा लेगी। बेल्जियम शैफर्ड नस्ल की मादा श्वान ‘जिया’ की खासियत ये है कि यह गाड़ी में भरी शराब को सूंघकर झट से पकड़ लेती है।
चुनाव के दौरान पुलिस इसका नाकाबंदी में उपयोग करेगी। नाकाबंदी के दौरान जो भी वाहन आएंगे, पुलिस जिया को उन्हें सुंघाकर यह पता करेगी कि इसमें शराब भरी है अथवा नहीं। जिया के ट्रेनर रमेश कुमार ने बताया कि जिया की सूंघने की शक्ति अन्य श्वान से काफी अधिक है। इसकी सक्रियता भी अद्भुत है।
तीन माह की थी, तब से ले रही ट्रेनिंग

जिया तीन माह की थी, तब से ही बैंगलूर में प्रशिक्षण ले रही थी। 9 माह के प्रशिक्षण के बाद इसे सीधे अलवर लाया गया है। जिया को जोधपुर से लेकर आए हैडकांस्टेबल जस्साराम ने बताया कि राजस्थान में शराब तस्करी रोकने वाले जिया सहित केवल दो ही श्वान हैं। इनमें से एक जोधपुर व दूसरा अजमेर में है। अलवर में लोकसभा उपचुनाव के चलते जोधपुर से जिया जयपुर होते हुए सोमवार देर रात अलवर पहुंची। ट्रेनर ने बताया कि जिया चोरी, डकैती, हत्या सहित मादक पदार्थों के मामलों को भी खोलने में सक्षम है। लेकिन इसकी स्पेशयलिटी शराब तस्करी पकडऩे में है।
यह खाती है खाना

जिया की डाइट फिक्स है। यह सुबह के खाने में 200 ग्राम पेड़ीगिरी फूड व दो अण्डे खाती है। शाम को 750 ग्राम मीट अथवा चिकन तथा 100 ग्राम चावल खाती है। प्रतिदिन करीब एक घंटा घूमना भी जिया की दिनचर्या में शामिल है। इसके बाद ये शराब तस्करी पकडऩे का अभ्यास करती है।
लोकसभा चुनाव में शराब तस्करी रोकने के लिए बेल्जियम शैफर्ड नस्ल की मादा श्वान ‘जिया’ को जोधपुर से अलवर लाया गया है। चुनावों में एेसा प्रयोग पहली बार हो रहा है। ‘जिया’ गाड़ी अथवा कमरे में रखी शराब को सूंघकर ही बता सकती है।
सत्यवीर, इंचार्ज डॉग स्क्वायड, अलवर
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