अभी कुल 38 हजार 700 टीएमसी पानी बीसलपुर बांध में में अभी कुल 38 हजार 700 टीएमसी पानी है। मानसून के दौरान पानी की अच्छी आवक के चलते पिछले छह साल से टोंक की चार तहसीलों को सिंचाई के लिए लगातार पानी दिया जा रहा है। जल संसाधन विभाग की माने तो इस बार नवंबर के मध्य तक बांध का पानी नहरों में छोड़ा जाएगा। टोंक की टोडारायसिंह, देवली, टोंक और उनियारा तहसील के 256 गांवों को सिंचाई के लिए नहरों से पानी मिल सकेगा। इन सभी गांवों में कुल 81 हजार 800 हैक्टेयर में सिंचाई की जाएगी। उम्मीद है कि सिंचाई से करीब एक हजार करोड़ रुपए की पैदावार होगी। जिसमें 80 प्रतिशत बाजरा और 20 प्रतिशत तक गेहूं की खेती होगी।
इस बार बांध ने बनाए कई रिकार्ड अधिकारियो की माने तो इस बार की बारिश ने बीसलपुर में कई रिकार्ड बना दिए हैं। बांध से अब तक 137 टीएमसी यानि एक लाख 37 हजार एमसीएफटी पानी बाहर निकालना एक रिकार्ड बन गया है। वहीं, त्रिवेणी के पास अब तक पानी का लगातार बहाव बना रहना भी एक रिकार्ड हो गया। इस बार बांध के 16 गेट एक साथ खोला तो भी रिकार्ड बना और लम्बे सम तक गेट खुले रखना भी रिकार्ड हो गया है। त्रिवेणी का आठ मीटर ऊंचाई तक बहना भी एक बड़ा रिकार्ड बन गया है। ऐसे में इस मानसून रिकार्ड की झड़ी लग गई।
अब तक 9 बार सिंचाई के लिए दिया पानी जल संसाधान विभाग के अधिकारियों की माने तो बीसलपुर बांध से अब तक कुल 9 बार नहरों को पानी दिया जा चुका है और यह 10वीं बार होगा कि जब टोंक की तहसीलों से जमकर पानी दिया जा सकेगा। वर्ष 2004 से 2008 तक नहरों को लगातार पानी दिया गया और उसके बाद वर्ष 2008 से 2016 तक लगातार पानी दिया जा रहा है। अब तक जारी है त्रिवेणी इस मानसून साढ़े आठ मीटर ऊंचाई तक पहुंची त्रिवेणी में पानी की आवक अब तक जारी है। पानी का स्तर 1.5 मीटर ऊंचाई पर बना हुआ है। जिसमें से कुछ पानी वाष्पीकृत हो रहा है और बाकी जयपुर व अजमेर को दिया जा रहा है।
जल संसाधन विभाग की बीसलपुर परियोजना के अधिशाषी अभियंता रविन्द्र कटारा का कहना है कि बांध में अभी 38 हजार टीएमसी से ज्यादा पानी है। लेकिन अगले माह आठ टीएमसी पानी नहरों की सिंचाई के लिए छोड़ा जाएगा और उसके बाद 8.9 टीएमसी पानी वाष्पीकरण में उड़ जाएगा। ऐसे में करीब 17 टीएमसी पानी बीसलपुर से निकल जाएगा। उसके बाद जो पानी बचेगा, वह दो साल तक अजमेर, जयपुर सहित अन्य क्षेत्रों की प्यास बुझाने के लिए काफी होगा।