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एक ईमेल.. और 3500 KM हाथी के बच्चे के लिए पहुंच गई अनंत अंबानी की टीम, जानें वजह

अनंत अंबानी की वंतारा ने एक संकटग्रस्त हाथी और बछड़े की सहायता के लिए 24 घंटे के भीतर तुरंत जामनगर से त्रिपुरा के लिए एक मेडिकल टीम भेजी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

उद्दयोगपति मुकेश अंबाने के छोटे बेटे अनंत अंबानी की वंतारा टीम ने एक हाथी और उसके बच्चे की सहायता के लिए 24 घंटे के भीतर जामनगर से त्रिपुरा तक 3,500 किमी से अधिक की यात्रा की। शनिवार को यह तब हुआ जब मुकेश अंबानी के सबसे छोटे बेटे अनंत अंबानी से जुड़ी रिलायंस फाउंडेशन की परियोजना वंतारा को मुसीबत में फंसे जानवरों के लिए सहायता का अनुरोध करने वाला एक ईमेल आया।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो के अनुसार, डॉक्टरों की एक टीम को तुरंत जामनगर से त्रिपुरा के कैलाशहर के उनाकोटी जिले में भेजा गया। वहां पहुंचने पर, उन्होंने संकटग्रस्त जानवरों को तत्काल देखभाल शुरू की। इस तुरंत एक्शन का वीडियो भी तेजी से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है, लोग वंतारा के इस कदम की सरहाना कर रहे हैं।

एक महिला के वॉयसओवर के साथ रिकॉर्ड किए गए वीडियो में बीमार हाथी और उसके बछड़े को बचाने के लिए अनंत अंबानी और वंतारा टीम के तुरंत एक्शन के लिए धन्यवाद दिया गया है। महिला को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मदद मांगने के लिए ईमेल लिखने के 24 घंटे के भीतर टीम त्रिपुरा स्थान पर कैसे पहुंच गई।

"मैं अनंत अंबानी को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने बिना किसी देरी के त्रिपुरा के उनाकोटि जिले में इस बीमार हाथी और उसके बच्चे के लिए अपनी पूरी वंतारा टीम भेजी। मैंने उन्हें एक दिन पहले ही मेल किया था और अगले ही दिन, वंतारा से एक टीम यहां आ गई।" उन्होंने कहा, "मैं तहे दिल से उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं जिन्होंने इस मामले में मेरी मदद की और इस हाथी को बचाने में मेरा साथ दिया।" वीडियो को #अनंतभाई हैशटैग के साथ शेयर किया जा रहा है.

वंतारा क्या है?

वंतारा, जिसका अनुवाद 'स्टार ऑफ द फॉरेस्ट' है, इस साल की शुरुआत में रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई एक पहल है। यह घायल और खतरे में पड़े जानवरों को बचाने, इलाज और पुनर्वास पर केंद्रित है।

वंतारा गुजरात में रिलायंस के जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स की ग्रीन बेल्ट में स्थित है। इसमें 3,000 एकड़ का हाथी केंद्र शामिल है, जिसमें 200 से अधिक बचाए गए हाथियों का आवास है, और ग्रीन जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर है, जिसमें 43 प्रजातियों के 2,000 से अधिक जानवर रहते हैं।