देव उठनी एकादशी गुरुवार से चार माह बाद फिर विवाहोत्सवों और मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो गए। इस दिन प्रदेश में हजारों की संख्या में शादियां हुई। अलवर जिले में ही करीब 800 विवाहोत्सव है। इस दिन शादी होने वाली दुल्हनों का कहना है कि मतदान के लिए ससुराल से आएंगी और मतदान अवश्य ही करेंगी।
अलवर•Nov 24, 2023 / 01:27 pm•
Rajendra Banjara
देव उठनी एकादशी गुरुवार से चार माह बाद फिर विवाहोत्सवों और मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो गए। इस दिन प्रदेश में हजारों की संख्या में शादियां हुई। अलवर जिले में ही करीब 800 विवाहोत्सव है। इस दिन शादी होने वाली दुल्हनों का कहना है कि मतदान के लिए ससुराल से आएंगी और मतदान अवश्य ही करेंगी।
मालाखेड़ा निवासी रेखा मीणा दिल्ली पुलिस में कार्यरत है। 23 नवंबर को इनकी शादी है। इनका कहना है कि शादी के बाद में 25 नवंबर अपने गांव मतदान करने अवश्य आऊंगी। इसके लिए ससुराल वालों से पहले ही बात हो चुकी है।
तिजारा फाटक निवासी भावना बजाज ने बताया कि देवउठनी को मेरी शादी है, लेकिन मैं मतदान करने ससुराल से अवश्य ही आऊंगी। दुल्हन चित्रा और पिंकी ने बताया कि देवउठनी एकादशी पर विवाह बंधन पर बंधेगी। शादी के बाद ससुराल जा रहे हैं, लेकिन विदाई के बाद मतदान का फर्ज भी निभाएंगी।
अपनाघर शालीमार निवासी अंकिता ने बताया कि मेरी शादी 23 नवंबर को है। 25 नवंबर को ससुराल में विवाह की रस्में होगी, लेकिन इसके बाद भी मैं वोट डालने अवश्य ही जाऊंगी। मेरे पति भी मेरे साथ जाएंगे।
मतदान न करने का है दु:ख
इधर, शहर में कुछ दुल्हनें ऐसी भी है जो कि विदा होकर दूसरे शहरों में दूर जाएंगी। जहां पर विवाह की रस्में भी निभानी है। ऐसे में मतदान वाले दिन दूरी से आना संभव नहीं होगा। ऐसे में उन्हें दु:ख है कि इस बार वो मतदान नहीं कर पाएंगी। क्योंकि इतनी दूरी से अलवर आना संभव नहीं है।
कई दूल्हे भी नहीं कर पाएंगे मतदान
देवउठनी एकादशी से सावों का दौर शुरू होने से कई दूल्हे भी मतदान से वंचित रह जाएंगे। देव उठनी एकादशी के बाद 24 नवम्बर, 25, 27, 28 व 29 नवम्बर को विवाहोत्सव है। खासकर 25 नवम्बर को सावा होने पर दूल्हा व दुल्हन दोनों में से कम से एक तो मतदान से वंचित रह जाएगा।
Hindi News/ Alwar / मतदान को लेकर दुल्हनों में भी उत्साह, पढ़ें पूरी खबर