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अव्यवस्था : मोर्चरी सुबह हुई फुल, दो शव को डीप फ्रिजर के बाहर रखना पड़ा

सामान्य चिकित्सालय में केवल 8 शवों को रखने की है जगह

अलवरJun 02, 2024 / 05:54 pm

mohit bawaliya

अलवर. सामान्य चिकित्सालय का मुर्दाघर शनिवार को फुल हो गया। यहां दो डीप फ्रिज में 8 शव रखने की जगह है, ऐसे में दो शवों को डीप फ्रिजर के बाहर रखना पड़ा। हालांकि दोपहर बाद छह शवों का पोस्टमार्टम कर दिया गया और यहां शवों को रखने की जगह हुई। पिछले दो दिन में यहां 10 शव पोस्टमार्टम के लिए लाए गए, जिनमें 7 लावारिस थे। अस्पताल के मुर्दाघर में 2 डीप फ्रिजर हैं। इनमें से प्रत्येक फ्रिजर की 4 रैक में 4 शवों को सुरक्षित रखा जा सकता है। शनिवार को मुर्दाघर में 10 शव होने के कारण डीप फ्रिजर में जगह नहीं बची, जिसके कारण 2 शवों को बाहर रखा गया। हालांकि बाद में तीन लावारिस शवों को पुलिस और तीन अन्य शवों का पोस्टमार्टम करके उनके परिजनों को सुपुर्द कर किया गया, जिसके बाद मुर्दाघर में जगह हुई।
अभी यहां 4 शव पोस्टमार्टम के लिए रखे हुए हैं।

यूं चल रहा है मौत का सिलसिला

शहर में गर्मी व शराब के सेवन सहित अन्य कारणों से मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। शनिवार को भी सुबह अस्पताल के बरामदे में एक 45 वर्षीय व्यक्ति अचेतावस्था में पड़ा हुआ मिला। मृतक की शिनाख्त नहीं हो सकी है, लेकिन प्रारंभिक तौर पर गर्मी से मौत होना माना जा रहा है। मौत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम के बाद चल सकेगा। कोटकासिम क्षेत्र में एक 22 वर्षीय महिला ने शनिवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिसके शव को पोस्टमार्टम के लिए दोपहर को सामान्य अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया। एक दिन पहले गोङ्क्षवदगढ़ क्षेत्र के न्याणा गांव की एक छात्रा ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया था। इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। इस पर मृतका के शव को शुक्रवार देर शाम पोस्टमार्टम के लिए सामान्य अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया। शुक्रवार को ही एमआईए क्षेत्र में देर शाम एक व्यक्ति अचेतावस्था में मिला था। जिसे जांच के बाद चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। यह शव भी पोस्टमार्टम के लिए सामान्य अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया है।
यह है नियम
नियमानुसार लावारिस हालत में मिले शवों को शिनाख्तगी के लिए तीन दिन तक मुर्दाघर में रखा जाता है। परिजनों का पता चलने के बाद पोस्टमार्टम के बाद शव की सुपुर्दगी की जाती है। जो लावारिस शव रहते हैं, उन्हें अंतिम संस्कार के लिए पुलिस को सौंप दिया जाता है।
लू-तापघात वार्ड खाली
उधर, लू-तापघात के मरीजों के लिए बनाया गया हीट स्ट्रोक वार्ड शनिवार को खाली रहा। अस्पताल प्रशासन की ओर से 29 मई को ट्रोमा के आब्जर्वेशन वार्ड में हीट स्ट्रोक वार्ड को शिफ्ट करने के बाद यहां इलाज के लिए 23 मरीजों को भर्ती किया गया। इनमें 8 मरीजों के स्वस्थ होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया, जबकि 14 मरीजों की स्थिति में सुधार होने पर उन्हें सामान्य वार्ड में भर्ती किया गया है। फिलहाल अस्पताल के हीट स्ट्रोक वार्ड में एक भी मरीज भर्ती नहीं है।

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