सीवरेज के टैंकर खाली हो रहे शहर में सैप्टिंक टैंक साफ करने के बाद उनका मल टैंकरों के जरिए नेहरू गार्डन के बगल से निकल रहे नाले में साफ कर रहे हैं। अधिकतर दोपहर या देर रात को सैप्टिक टैंकों का मल यहां छोड़ दिया जाता है। जो बिल्कुल गलत है। इसके अलावा यहां लगने वाली दुकानों का पूरा कचरा नालों में फेंकते हैं। सड़ा-गला सामान फेंकने से वहां बदबू में पक रही खाद्य सामग्री भी दूषित होती है। जिसे खाने के बाद संक्रमण होने का डर रहता है।
पुलिस अधीक्षक आवास के सामने से हटाया करीब दो साल पहले यह फास्ट फूड बाजार पुलिस अधीक्षक आवास के सामने मुख्य रोड पर लगता था। वहां से हटाने के बाद दुकानें राजर्षि कॉलेज की तरफ लगने लग गई। जबकि इधर का नाला पूरी तरह खुला है। पुलिस अधीक्षक आवास के सामने वाले नाले को पाट दिया लेकिन, इधर की तरफ ध्यान नहीं है।
बच्चे व युवा अधिक आ रहे इस बाजार का स्वाद लेने वालों में सबसे अधिक युवा व बच्चे हैं। रोजाना शाम होते ही नाले के बगल में लगे ठेलों के चारों तरफ अलग-अलग तरह के खाद्य सामग्री का स्वाद लेने वालों की भीड़ देर रात तक लगी रहती है।