पुराने अलवर जिले के 107 सरकारी व निजी अस्पताल योजना के अंतर्गत नि:शुल्क इलाज के लिए पंजीकृत हैं। इसमें 54 सरकारी और 53 निजी अस्पताल शामिल हैं। जबकि अलवर शहर के 22 अस्पताल इसमें शामिल हैं। इसके साथ ही जिले के 7 लाख 54 हजार 221 परिवार योजना के तहत पंजीकृत हैं। वहीं, योजना में पंजीयन के लिए पोर्टल भी अभी भी चालू है।
योजना बंद स्टाफ अभी भी काम कर रहा: चिरंजीवी योजना के तहत सामान्य अस्पताल में करीब 8 कम्प्यटर ऑपरेटर लगाए हुए हैं। इसी तरह जनाना अस्पताल में 5 एवं शिशु अस्पताल में 2 कम्प्यूटर ऑपरेटर लगा रखें। जो चिरंजीवी और आरजीएचएस योजना का काम देखते हैं। वहीं, खास बात यह कि अस्पताल में चिरंजीवी योजना एक माह से बंद है और आरजीएचएस के प्रतिदिन करीब 2-3 मरीज आ रहे हैं। ऐसे में योजना में लगे ऑपरेटर सिर्फ हाजिरी भर कर घर जा रहे हैं।
चिरंजीवी योजना में इलाज के लिए पहले निजी और प्राइवेट अस्पतालों के लिए अलग-अलग नियम थे, लेकिन अब बीमा कंपनी ने सरकारी अस्पतालों के लिए भी निजी अस्पतालों की तरह ही सख्त नियम लागू कर दिए हैं। इसकी लिखित सूचना भी नहीं दी गई। इसको लेकर बीमा कंपनी ने जिला अस्पताल में चिरंजीवी योजना को सस्पेंड कर दिया। हमारी अभी बात चल रही है, जल्द ही चिरंजीवी योजना जिला अस्पताल में फिर से शुरू होने की उम्मीद है।