25 लाख 25 हजार परिवार होंगे प्रभावित इस आदेश से प्रदेशभर में लगभग 25 लाख 25 हजार 256 बीपीएल परिवारों की थाली से मिठास गायब हो गई है। अलवर में भी अब करीब 83 हजार 334 बीपीएल परिवार चीनी से वंचित रह जाएंगे। बीपीएल परिवारों की थाली से मिठास गायब करने के सरकारी मंसूबे पूर्व में ही दिखने लगे थे। बीपीएल परिवारों को जुलाई 2017 में अन्तिम बार लेवी चीनी का वितरण हुआ। इसके बाद सरकार ने राशन दुकानों पर चीनी भेजना बंद कर दिया।
दीपावली पर सरकार को गरीबों की याद आई और सभी जिलों में क्रय-विक्रय सहकारी समितियों पर शेष रहे स्टॉक से बीपीएल परिवारों को चीनी का वितरण किया गया। इस दौरान भी चंद बीपीएल परिवार को चीनी मिली। दरअसल, ज्यादातर क्रय-विक्रय सहकारी समितियों पर चीनी नहीं थी। जहां चीनी थी, वहां उस क्षेत्र से जुड़े उपभोक्ताओं का पहले नम्बर आया। इससे दूसरे क्षेत्रों के उपभोक्ता चीनी से वंचित रह गए।
अंत्योदय चीनी के वितरण पर भी संकट बीपीएल परिवारों को चीनी का वितरण नहीं करने से अंत्योदय परिवारों की चीनी पर भी संकट मंडरा गया है। दरअसल, अंत्योदय परिवारों की संख्या बीपीएल से कम है। अलवर की बात करें तो यहां एक-एक राशन दुकान पर बामुश्किल 20-25 अंत्योदय कार्ड हैं। ऐसे में क्रय-विक्रय सहकारी समिति को प्रत्येक माह दुकानदारों को 20-25 किलो चीनी भेजना कठिन होगा। अलवर शहर में तो कई दुकानों पर केवल एक-दो अंत्योदय कार्ड हैं। ऐसे में ना दुकानदार चीनी लेने जाएगा और ना समिति चीनी पहुंचाने में रुचि दिखाएगी।