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इस करवा चौथ पर नई पहल, हम रखेंगे लंबी आयु के लिए व्रत, जहर छोडऩे का वचन दो आप

Karva Chauth 2019 : करवा चौथ नजदीक आ रहा है, महिलाओं ने पति से बेहद छोटा सा तोहफा मांगा है।

अलवरOct 15, 2019 / 04:21 pm

Lubhavan

Karva Chauth 2019 : Karva Chauth Alwar Women New Innovation

इस करवा चौथ पर नई पहल, हम रखेंगे लंबी आयु के लिए व्रत, जहर छोडऩे का वचन दो आप

अलवर. Karva Chauth 2019 : करवा चौथ महिलाओं के लिए ही नहीं पुरुषों के लिए भी महत्व का दिन है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चांद देखने के बाद ही भोजन करती है। माना जाता है कि इस दिन यदि सुहागिन स्त्रियां उपवास रखें तो उनके पति की उम्र लंबी होती है और उनका गृहस्थ जीवन सुखी रहता है, लेकिन अखंड सुहाग तभी रह पाएगा, जब पत्नियां अपने के पतियों को गुटखा जैसी बुराइयों को छुड़वाएंगी।
सुहागिन महिला के लिए करवा चौथ पर्व बहुत मायने रखता है, वह चाहे स्वयं बीमार हो लेकिन अपने सुहाग की दीर्घायु के लिए यह व्रत जरूर करती हैं। वहीं कई ऐसे पुरुष हैं जो कि अपनी पत्नी की भावना की कद्र करने के बजाय गुटखा, तंबाकू व शराब जैसी बुरी आदतों में पड़ कैंसर जैसी बीमारियों को बुलावा देने से पीछे नहीं हैं। करवा चौथ पर पतियों की दीर्घायु के लिए पत्नियों का व्रत रखना तभी सफल हो पाएगा, जब उनके पति गुटखा जैसी बुराइयों से दूर हो। इसके लिए महिलाओं को ही नहीं, पुरुषों को भी बराबर से भागीदारी निभानी होगी। इसके लिए जरूरी है कि जिन पत्नियों के पति गुटखा, शराब या नशे की किसी दूसरी चीज का सेवन करते हैं, वे सुखी गृहस्थ जीवन व करवा चौथ पर पत्नियों के व्रत की कामना पूर्ण होने के लिए गुटखे जैसी बुराई का त्याग करे।
कैंसर को बुलावा मत दो अब गुटखा छोड़ दो

गुटखा, तंबाकू, जर्दा, शराब सभी तरह के व्यसन कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी का मुख्य कारण होते हैं। हमारे देश में हर साल लाखों लोगों की मौत कैंसर के कारण होती है। गुटखे में 4000 रसायन होते हैं। जिनमें 40 कैंसर जनित कारक होते हैं। शराब पीने से किडनी, लीवर और हृदय पर बुरा प्रभाव डालते हैं। इसके साथ ही गुटखा, गाल, जीभ, होठ में अल्सर बना देता है जो आगे कैंसर का कारण बनते हैं। इसकी वजह से गाल की त्वचा सख्त हो जाती हैं और मुंह कम खुलता है। इसको ओरल सब म्युकस फाइब्रोसस कहते हैं। ये भी कैंसर की पहली स्टेज है। इसके साथ ही इन व्यसनों से वोकल कोर्ड, आंतों, किडनी, लीवर, फेफडों, हृदय आदि की गंभीर बीमारियां हो जाती हँैं।
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