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सिलीसेढ़ झील में कम बचा पानी, लाल डिग्गी फिलहाल रहेगी सूखी

शहर का लाल डिग्गी जलाशय पानी के लिए तरस रहा है। इसमें सिलीसेढ़ से पानी पहुंचाने की उम्मीद भी टूटती नजर आ रही है। सिंचाई विभाग ने पानी लाने के लिए सिलीसेढ़ से लाल डिग्गी तक नहर की सफाई की।

अलवरFeb 10, 2024 / 11:38 am

jitendra kumar

सिलीसेढ़ झील में कम बचा पानी, लाल डिग्गी फिलहाल रहेगी सूखी

सिलीसेढ़ झील में कम बचा पानी, लाल डिग्गी फिलहाल रहेगी सूखी

शहर का लाल डिग्गी जलाशय पानी के लिए तरस रहा है। इसमें सिलीसेढ़ से पानी पहुंचाने की उम्मीद भी टूटती नजर आ रही है। सिंचाई विभाग ने पानी लाने के लिए सिलीसेढ़ से लाल डिग्गी तक नहर की सफाई की।
अतिक्रमण हटवाया। जिले में कम बारिश होने के कारण सिलीसेढ़ का जलस्तर अधिक नहीं हुआ। हाल ही में जिला कलक्टर की ओर से लाल डिग्गी का निरीक्षण किया गया और इसे पानी से भरने की बात कही। सिंचाई विभाग की ओर से जिला कलक्टर को पत्रावली के माध्यम से बताया गया है कि लाल डिग्गी में पानी पहुंचना संभव नहीं है।
इस प्रकार से होगा सिलीसेढ़ के पानी का बंटवारा: शहर के सबसे नजदीक सबसे बड़ा पानी का स्रोत सिलीसेढ़ झील है। इसमें अब पानी का स्तर 21.05 इंच रह गया है। शहर के लिए सिलीसेढ़ जीवन रेखा मानी जाती है। इसकी कुल क्षमता 492.03 मिलियन क्यूबिक फीट (एमसीएफटी) पानी की है। अब इसमें से 311 मिलियन क्यूबिक फीट पानी मौजूद है। जिले में बढ़ती पानी कि किल्लत को देखते हुए सिलीेसेढ़ के पानी का बंटवारा किया गया है। इसमें 181 एमसीएफटी पानी मछली और बोटिंग के लिए जरूरी है।

वहीं, शहर की प्यास बुझाने के लिए 100 एमसीएफटी रिजर्व किया गया है। वहीं, 25 एमसीएफटी पानी किसानों को सिंचाई के लिए दिया गया है। सिंचाई विभाग के कार्यवाहक सहायक अभियंता बिजेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि पानी का स्तर गिरता जा रहा है। इससे सिलीसेढ़ में भी पानी कम हो रहा है। किसान अभी सिंचाई खेतों में और करेंगे।

लगाई गई बोरिंग का पता नहीं
लाल डिग्गी में पानी भरने के लिए कई वर्ष पहले दो बोरिंग की गई थी। शहर की बढ़ती प्यास को देखते हुए लोगों ने लाल डिग्गी की इस बोरिंग से पानी सप्लाई की मांग की गई। प्रदर्शन हुए। इस पर काम भी हुआ और पानी सप्लाई हुआ। ये बोरिंग यादव और गुर्जर छात्रावास के पास बनाई गई हैं। अब बोरिंग सूख गई हैं। वहीं, लाल डिग्गी विकास समिति के सचिव रमन सैनी ने बताया कि लाल डिग्गी में लॉन को हरा-भरा रखने के लिए टैंकरों से पानी डाला जाता है।



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