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अलवर में तीन विधानसभा क्षेत्र से कोई नहीं बना मंत्री

अलवर जिले ने वैसे तो प्रदेश को दो- दो मुख्यमंत्री दिए हैं, लेकिन यहां तीन विधानसभा क्षेत्र से ऐसे भी हैं, जहां गठन के बाद से अब तक एक बार भी मंत्री नहीं मिल पाया। हालांकि जिले को 1952 में पहली सरकार में दो मंत्री मिल गए थे। अलवर शहर, किशनगढ़बास व मुंडावर को अब तक नहीं मिल सका मंत्री पद।

अलवरDec 01, 2023 / 11:37 pm

Prem Pathak

अलवर में तीन विधानसभा क्षेत्र से कोई नहीं बना मंत्री

अलवर में तीन विधानसभा क्षेत्र से कोई नहीं बना मंत्री

प्रदेश की राजनीति में अलवर जिला 1952 से ही सिरमौर रहा। प्रदेश को दो मुख्यमंत्री देने वाले अलवर जिले की तीन विधानसभा सीटें अभी भी मंत्री पद की मोहताज है, इनमें जिला मुख्यालय की अलवर शहर, किशनगढ़बास एवं मुंडावर सीटें शामिल हैं। हालांकि प्रदेश की पहली सरकार में ही अलवर जिले को दो मंत्री पद नवाजे गए, बाद में भी विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों को मंत्री पद मिले। इतना ही अलवर जिले को विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सहित कई बोर्ड निगम में मंत्री पद का दर्जा भी मिला।
अलवर की राजनीति के जानकार एडवोकेट हरिशंकर गोयल बताते हैं कि वर्तमान की अलवर शहर, किशनगढ़बास एवं मुंडावर विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां से अब तक कोई मंत्री नहीं बन सका। इनके अलावा जिले ेके अन्य विधानसभा क्षेत्रों से जीते विधायकों को विभिन्न सरकारों में मंत्री पद से नवाजा जाता रहा है।
कहां कब कौन रहे मंत्री

अलवर जिले के बानसूर क्षेत्र से अब तक कई विधायक मंत्री पद पा चुके हैं। यहां बद्रीप्रसाद गुप्ता, हरिसिंह यादव, जगत दायमा, डॉ. रोहिताश्व शर्मा एवं शकुंतला रावत मंत्री रह चुके हैं। वहीं तिजारा से नवाब लुहारू, एमामुद्दीन खां दुर्रुमियां, बहरोड़ से सुजान सिंह यादव, डॉ. जसवंत यादव, अलवर ग्रामीण से टीकाराम जूली, थानागाजी से हेमसिंह भड़ाना, रामगढ़ से शोभाराम, जयकृष्ण शर्मा मंत्री रह चुके हैं। वहीं 2008 से पूर्व की खैरथल सीट से सम्पतराम, चंद्रशेखर, राजगढ़ सीट से समरथलाल मीणा, लक्ष्मणगढ़ सीट से नसरू खां मंत्री रह चुके हैं। वहीं 1952 में थानागाजी- रामगढ़ सीट से मा. भोलाराम कैबिनेट मंत्री बने।
दो मुख्यमंत्री भी अलवर से बने

अलवर जिले से प्रदेश के दो मुख्यमंत्री भी बन चुके हैं। इनमें 1972 में तिजारा से बरकत़ुल्लाह एवं कठूमर से 1990 में जगन्नाथ पहाडि़या विधायक चुनकर मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे। इसके अलावा समरथलाल मीणा विधानसभा अध्यक्ष एवं रामसिंह यादव विधानसभा उपाध्यक्ष पद तक पहुंच चुके हैं।
निर्विरोध विधायक भी चुने गए

अलवर जिले से 1952 में सम्पतराम व घासीराम यादव निर्विरोध विधायक चुने गए। वहीं 1957 में हरिकिशन मीणा निर्विरोध विधायक चुने गए। इसके अलावा प्रदेश में पहले सिख विधायक भी रामगढ़ से 1952 में सरदार दुर्लभसिंह चुने गए।

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