20 मिनट में एंबुलेंस नहीं, घायलों का दम टूट रहा
सबसे अधिक सड़क दुर्घटना रामगढ़ रोड पर, अस्त-व्यस्त ट्रैफिक में फंस जाती हैं एंबुलेंस
अलवर•Dec 12, 2019 / 02:57 am•
Pradeep
20 मिनट में एंबुलेंस नहीं, घायलों का दम टूट रहा
अलवर. जिला अस्पताल के सबसे नजदीक होने के बावजूद रामगढ़ रोड पर दुर्घटना में घायलों को बचाना मुश्किल हो गया है। सरकार के नियमों के अनुसार २० मिनट में घायल व मरीज तक एंबुलेंस पहुंचनी चाहिए लेकिन, असल में ३० मिनट तो एबुलेंस अलॉट कराने में खप जाते हैं। यहीं नहीं जब रामगढ़ जैसा रोड हो तो ८ से १० किलोमीटर की दूरी पर एंबुलेंस पहुंचने में आधा घण्टे से अधिक समय लग जाता है। जाम के वक्त गंभीर घायल एंबुलेंस के इन्तजार में दम तोड़ देते हैं।
पांच साल में सबसे ज्यादा मौत: सरकार के आंकड़े के अनुसार रामगढ़ रोड पर सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाओं में मौत होती है। करीब पांच साल में २०५ से अधिक लोगों ने अलग-अलग दुर्घटना में जान गंवाई है। जिनमें कई एेसे मामले भी है जिनमें घायलों को समय पर इलाज मिलता तो उनकी जान बच सकती थी। बहुत बार एेसा हुआ है कि एंबुलेंस को मौके पर पहुंचने में विलम्ब हुआ है।
प्रक्रिया में भी समय लगना एक कारण : १०८ एंबुलेंस को घटना स्थल पर बुलाने की प्रक्रिया में भी काफी समय लगता है। १०८ नम्बर पर कॉल कर घटना की जानकारी दी जाती है। १०८ एंबुलेंस के जयपुर स्थित कंट्रोल रूम से आसपास की एंबुलेंस का सूचना दी जाती है। कई बार एेसा होता है कि आसपास की एंबुलेंस पहले से व्यस्त है तो दूसरी गाड़ी को सूचना दी जाती है। इस प्रक्रिया में काफी समय खप जाता है। रैफर मरीजों को भी एंबुलेंस आवंटित कराने में इतना ही समय लग जाता है।
मरीज व घायलों का कहना व्यस्त आता है नम्बर
कुछ घायलों के परिजनों से बातचीत करने के बाद पता चलता है कि १०८ नम्बर कुछ देर तक व्यस्त आता रहता है। फोन पर बात होने में अधिक समय लग जाता है। इसके आगे की प्रक्रिया में भी समय खपता है। जब अधिक समय लगता है तो निजी वाहनों से घायलों को लाना पड़ता है। एेसी स्थिति में घायल को तुरंत चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाती है।
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